चीन (china) की एक नीति है कर्ज बांटना वह दुनिया के देशों की भारत अमेरिका और जापान से दूर करने के लिए बड़े बड़े कर्जे बांटता है, हसीन सपनो के साथ कर्ज की रकम कई बार प्राप्त करने वाले देश की औकात से बाहर होती है । ऐसा ही एक वाक्या श्रीलंका के साथ हुआ जब चीन ने श्रीलंका को हम्बनटोटा पोर्ट (hambantota port) विकसित करने के लिए भारी भरकम लोन दिया और समझौता किया कि धीरे धीरे लंका इसे चुकाता रहेगा ।लक्ष्मी बाई केलकर नारी को नारायणी बनाने वाली मौसी जी के नाम से प्रसिद्ध थीं
लेकिन ये प्रोजेक्ट फेल हो गया श्रीलंका उस पोर्ट से पैसा कमाने की सोच रहा था लेकिन एक धेला नही कमा पाया मजबूरी में वो पोर्ट अब उसे चीन को लीज पर देना पड़ा । ऐसा ही कुछ पाकिस्तान के साथ हो रहा है । चीन पाकिस्तान की औकात से ज्यादा करीब 62 बिलियन डॉलर का कर्जा दे रहा है पाकिस्तान की कुल जीडीपी 283 बिलियन डॉलर की है उसे देखते हुए ये रकम बहुत ज्यादा है । हिंदू शब्द की प्रासंगिकता कब, क्यों और कैसे बढ़ी क्या है अर्थ...
अब पाकिस्तान भी सोच रहा है कि वो खूब पैसा कमाएगा लेकिन उसे ये नही समझ आ रहा है कि ये केवल एक रोड बन रहा है कोई इकोनॉमिक जॉन नही जिसमे वो फैक्ट्रियां लगाकर माल को निर्यात करेगा । ये एक रोड है, इस पर फेक्ट्री नही बल्कि पंचर बनाने के खोखे लगाए जा सकते हैं । अब जब पाकिस्तान चीन का कर्ज नही चुका पायेगा तो बदले में चीन जो मांगेगा वो देना होगा । ऐसा नही है कि चीन को ये नही पता कि ये प्रोजेक्ट फेल है, उसे पता है । ब्रह्म चेलानी बोले, भारत के पलटवार की दृढ़ता दर्शाता है PM का लद्दाख दौरा
हम्बनटोटा का भी पता था और cpec का भी पता है लेकिन उसकी नियत में खोट है तभी वो अयोग्य देश को उसकी औकात से बाहर का कर्ज दे रहा है । चीन आधुनिक दुनिया का वह महाजन है जिससे एक बार कर्ज लिया तो पीढ़ियों तक वह आपका पीछा नही छोड़ता -आलोक प्रभात
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