परमपिता परमात्मा ने वेदों में देवता के बारे में जो भी मनुष्य को बताया है उस सत्य पूर्ण वैज्ञानिक (scientific) ज्ञान को गुरु-शिष्य संवाद के द्वारा सभी मनुष्यों के हित के लिए बताया गया है।
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वेदों में बताए देवता god described by vedas
शिष्य – देवता किसे कहते हैं ?
गुरु – देवता उसे कहते हैं जो प्रकाश करे ,जो अपने स्वार्थ के लिए कोई काम न करे , सो देवता है ।
देवता दो प्रकार के होते हैं – * एक जड़ * दूसरा चेतन ।
शिष्य – जड़ देवता कितने हैं ?
गुरु – जड़ देवता 33 कोटि ( 33 प्रकार ) के वेदों ने बताए है। मूर्ख पौराणिक पंडो ने कोटि को करोड़ कहकर 33 करोड़ देवता बना डाले।
शिष्य – कौन – कौन से हैं ?
गुरु – 8 वसु , 11 रुद्र , 12 आदित्य , 1 यज्ञ और 1 विद्युत ।
शिष्य – आठ वसु कौन से हैं ?
गुरु – सूर्य , चन्द्रमा , नक्षत्र , पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु और आकाश हैं ।
शिष्य – 11 रुद्र कौन से हैं ?
गुरु – दस प्राण , ग्यारहवाँ जीवात्मा हैं । इनके निकाल जाने से लोग रोते हैं ।
शिष्य – बारह आदित्य कौन से हैं ?
गुरु – बारह मास ( महीने ) ।
शिष्य – चेतन देवता कौन से हैं ?
गुरु – एक तो देवों का देव परमात्मा है , जो महादेव(mahadev) कहलाता है । दूसरे जो पूर्ण ज्ञानी पुरुष हैं , वे भी देवता कहलते हैं ।
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