40 दिनचर्या में उपयोगी बातें Useful things in Routine

40 जीवनोपयोगी बातें गुरुकुल की शिक्षा कहाँ गई ?

* सूर्योदय से पूर्व उठने वालों का बल, तेज व आयु बढ़ते है।

* प्रात: जल्दी उठकर ईश्वर का स्मरण करना चाहिए।

* निश्चित समय पर शौच, दातुन, भ्रमण, व्यायाम, स्नान करना चाहिए।

* दिन के प्रारम्भ में माता-पिता आदि का वैदिक अभिवादन , उन्हें ‘नमस्ते’ कहकर करना चाहिए।

* प्रतिदिन खुली हवा में व्यायाम करें और उसमें योगासन, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार अवश्य करें।

* व्यायाम आदि के तुरंत बाद पसीना सूखने तक पानी न पीवे।

* हमें माता-पिता व गुरुजनों की सभी अच्छी आज्ञाओं का पालन करना चाहिए तथा उनके चरणस्पर्श करने चाहिए। ब्रह्म चेलानी बोले, भारत के पलटवार की दृढ़ता दर्शाता है PM का लद्दाख दौरा
* छोटी-छोटी बातों पर हठ करके माता-पिता को परेशान नहीं करना चाहिए।

* शारीरिक तथा मानसिक रूप से विकलांगों के प्रति दया के भाव रखते हुए, उनकी सहायता करनी चाहिए।

* सबके साथ मित्रता, नम्रता और मधुरता का व्यवहार करना चाहिए।

* सदा सत्य बोलना चाहिए। हमें झूठ बोलकर अपने दोषों को छिपाना नहीं चाहिए।

* हमें अपने आसपास सफाई का ध्यान रखना चाहिए, चाहे वह स्थान घर, स्कूल, गली-मोहल्ला या पार्क हो।

* किसी की निंदा अथवा चुगली नहीं करनी चाहिए।भय का नाम ही भूत

* जीवन को सदा रखते हुए अच्छे विचारों को अपनाना चाहिए।

* गलती हो जाने पर क्षमा मांग लेनी चाहिए तथा उससे शिक्षा लेकर आगे से गलती न करने का संकल्प लेना चाहिए।

* समय-समय पर सत्संग आदि में भी जाना चाहिए।

* भाइयों, बहनों व दूसरों के साथ प्यार से रहें।

* दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसे हम दूसरों का अपने साथ चाहते है।

* आलस्य को सदा के लिए त्याग दें और परिश्रम से पीछे न हटें।

* अपना गृह कार्य स्वयं करना चाहिए।

* दूरदर्शन, सिनेमा आदि देखने से प्रयत्नपूर्वक बचना चाहिए।

* स्वदेश के प्रति स्वाभिमान रखें। जहाँ तक हो सके स्वदेशी वस्तुओं का ही जीवन में प्रयोग करना चाहिए।

* राष्ट्रभाषा हिन्दी का ही प्रयोग करने का प्रयत्न करना चाहिए।

* आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। स्कूल आदि का कार्य समय पर करना चाहिए।

* छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए; जैसे- लेट कर नहीं पढ़ना, डेस्क डेस्क पर नहीं झुकना व दीवारों आदि को गंदा न करना। लक्ष्मी बाई केलकर नारी को नारायणी बनाने वाली मौसी जी के नाम से प्रसिद्ध थीं

* पानी और बिजली का दुरुपयोग न करना।

* दुखियों और अपाहिजों की सहायता करना और उनका मज़ाक न उड़ना।

* अपनी आवश्यकताओं को कम करे। वही वस्तु चाहो जो आवश्यक हो। इसी में सखी जीवन का रहस्य है।

* खूब चबाकर खाना चाहिए, परंतु चबाने की आवाज सुनाई न देनी चाहिए।

* हमें शाकाहारी बनना चाहिए। मांसाहार मनुष्यों का नहीं बल्कि जानवरों का भोजन है।

* अधिक गर्म, अधिक ठंडी और अधिक चटपटी चीजें न खानी चाहिए।

* खाने से पहले और बाद में हाथ-मुँह धोने और कुल्ला करने की आदत डालें। बैठकर लेटकर या चलते-चलते कभी न खाना चाहिए।एक आर्य बहू की सीख Signs of Slavery

* किसी को ‘रे’, ‘अरे’, ‘ओ’ जैसे शब्दों से न पुकारना चाहिए। सभी को आप जैसे शब्दों से पुकारना चाहिए।

* बड़े बात कर रहे हो तो उनके बीच में न बोलूँ।

* छींक, खांसी, जंभाई के समय रुमाल आदि मुँह पर रखना चाहिए। लघुशंका (पेशाब) के बाद हाथ धोना न भूलें।

सड़क पर चलते समय :-महाकुंभ सप्ताह : लखनऊ समेत सभी जिलों में शुरू हुआ पौधारोपण अभियान

* सामने देखते हुए सड़क के बाईं ओर चलें।

* पढ़ते हुए या गप्पों में मस्त होकर न चलना चाहिए।

* शहर की सड़कों को पार करते समय सिपाही के अथवा बत्तियों के संकेत को देख लें।

* मन में कुछ अन्य सोचते हुए न चलें।

* कोई पदार्थ खाने के बाद खाली पैकेट, छिलके आदि रास्ते में न डालें। - आलोक प्रभात 

Post a Comment

0 Comments