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इस्लाम जिहाद क्यों ?
इतिहास साक्षी है की भारत ने न अरब और न अन्य किसी इस्लामी देश पर कभी हमला नहीं किया । फिर भी मुसलमान 636 ईसवी से ही भारत पर लगातार आक्रमण क्यों करे रहे ? इसका उत्तर पकिस्तान के विद्वान अनवर सेख ने अपनी पुस्तक “इस्लाम एण्ड टैरोरिज्म” (प्र० 121) में सुस्पष्ट दिया है : “वास्तव में पैगम्बर(prophet) मूर्तियों से घृणा नहीं करता था । वह वास्तव में भारतीय संस्कृति और उसके प्रबल धार्मिक प्रभाव का विरोधी था जिसका की मध्यपूर्व पर भी प्रभाव था और सांस्कृतिक दृष्टि से अरब भारत का एक अंग बन चुका था । इसलिए भारतीय मूल की प्रत्येक वस्तु को अपमानित, अधोपतित एवं नष्ट-भ्रष्ट किया जाना चाहिए ।”
उपरोक्त कथन पूरी तरह से सही है क्योंकि इतिहासकार मानते है की इस्लाम-पूर्व अरब में सहिष्णुतावादी भारतीय संस्कृति का प्रभाव था । यहाँ के “काबा” में अनेक देवी-देवताओ की एक साथ पूजा होती थी जो विभिन्न कबीलों के इष्ट देव थे । इसमें भारतीय देवी-देवताओं की पूजा भी होती थी । कुरान का प्रसिद्द भाष्यकार अब्दुला युसूफ अली लिखता है: “यहाँ (अरब में ) विभिन्न रूपों में चन्द्रमा की पूजा लोग प्रिय थी….. भारत की तरह अरब में भी चंदेर्मा देवता की नर के रूप में पूजा होती थी । इसके विपरीत सूर्य (शमा) को स्त्री रूप में पूजते है । प्रसिद्ध काबा और मक्का के आसपास देवी अल-लात, देवी अल-उजा और अल-मनात की पूजा होती थी ।“ (दी होली कुरान, प्र. 1619-20)
इसी प्रकार रोबर्ट मोरे अपनी पुस्तक “दी इस्लामिक इनवेजन”,(प्र. 211-215) में लिखता है: “मैसोपोटामिया एवं तुर्की के पहाड़ो से लेकर नील नदी (मिश्र देश) तक चन्द्र देव की पूजा होती थी । दक्षिणी यमन में चन्द्र देव के मंदिरों के अवशेष पाए गए है । इस्लाम का कैलेन्डर चंद्रमा की गति पर आधारित होता है । अरब में अल-लाट, अल-उजा, और अल-मनात को अल्लाह की बेटियां माना जाता था ।”
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वास्तव में पैगम्बर मुहम्मद ने इस भारतीय प्रभाव को अरब में देखा और वह इस्लाम की स्थापना के बाद से ही यहाँ से भारतीय संस्कृति को नष्ट करना चाहता था । उसे लोगो का भगवा रंग, जो की भारतीय संस्कृति का प्रतिक है, के कपडे पहनना भी सहन नहीं था । हदीस मुस्लिम (खं. 3; 5173-75, प्र.1377-78) बतलाती है: “अब्दुला उमर ने बतलाया की अल्लाह के रसूल ने मुझे भगवा रंग के दो कपडे पहने देखा । इस पर उन्होंने कहाँ “ऐसे कपडे अक्सर गैर-मुसलमान पहनते है अत: इन्हें मत पहनो ।“ दूसरी हदीस में अब्दुला से पैगम्बर ने पूछा: क्या ये कपडे तुम्हारी माँ ने पहनने को दिए’ ? मैंने कहाँ; मैं उन्हें धो दूंगा । पैगम्बर ने कहा: उन्हें जला दो” ।
इसके अलावा मुसलमानों के लिए भारत ही नहीं, किसी भी गैर-मुस्लिम देश पर हमला करने के लिए किसी और कारण को ढूँढने की आवश्यकता नहीं होती है । उनके लिए तो इतना ही काफी होता है की वह देश इस्लामी राज्य क्यूँ नहीं है ? -आलोक आर्य
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