मंदिरों की लूट-बलपूर्वक धर्मांतरण forced conversion


 मंदिरों की लूट-बलपूर्वक धर्मांतरण forced conversion

आज के वर्तमान भारत में जहाँ भी मस्जिद है व पाकिस्तान , अफगानिस्तान आदि देशों में जहाँ भी पुरानी मस्जिद(mosque) है वहाँ कभी हिन्दू मंदिर हुआ करते थे । इब्ने बतूता लिखता है कि जामा-मस्जिद(jama-masjid) के पश्चिमी वाले छोर पर बहुत बड़ी दो मूर्ति मिट्टी में उल्टी पड़ी देखी । वह कहता है कि इस मुकाम पर पहले एक बहुत बड़ा मंदिर था उसको तोड़ कर यह मस्जिद बनाई गयी थी । – इब्ने बतूता पृष्ठ 134

इसके अलावा हैदर अली(haidara ali) ने चतलारक नगर पर आक्रमण करके वहाँ के राजा को मार के लगभग 20000 लोगों को जबर्दस्ती मुसलमान बना दिया । – महमूद खाँ महमूद पृष्ठ 131

तवारीख फरिश्ता नामक पुस्तक में कैसे हिंदुओं(hindus) पर जुल्म हुए व मंदिरों को मस्जिद बनाया गया सब विस्तार से लिखा है । भारत में मुस्लिम सुल्तान नामक पुस्तक में लिखा है कि शेरशाह सब जगह मंदिरों के मस्जिद बनवाता था ।

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इसी प्रकार भारत में मुस्लिमों ने बलात मंदिरों की मस्जिद बनवाई व जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन किया । आज हम भारत , पाकिस्तान में जो मुस्लिम देखते है सब हिन्दू से मुस्लिम बनाए गए लोगों के वंशज है और न सिर्फ भारत-पाकिस्तान बल्कि अफगानिस्तान बांग्लादेश आदि में रहने वाले मुस्लिम भी ज़्यादातर बहिष्कृत आर्य ही है क्योंकि आचार्य चाणक्य(chanakya) कंधार में राजधानी होने के संकेत देते है जो अफगानिस्तान में मौजूद है । अत: सभी मुस्लिम भाइयों का यह कर्तव्य बनता है कि वे अपने प्राचीन सत्य सनातन वैदिक धर्म को अपनाकर अपने श्रीरामचन्द्र , श्रीक़ृष्णचन्द्र जैसे विद्वान , बलवान महापुरुषों के वंशज कहलाने का गौरव जरूर प्राप्त करें । मूल रूप से तो सभी मत-सम्प्रदाय कुछ-कुछ वैदिक शिक्षाओं को पकड़कर बाकी अर्थ का अनर्थ करके आगे बढ़ रहें है ।

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आप सभी पूर्ण वैज्ञानिक धर्म ईश्वर के ज्ञान वैदिक धर्म(vedic religion) को अपनाएं तभी सारा संसार पूर्ण शांति-पूर्ण व सौहार्द-पूर्वक खुशी-खुशी जीवन-यापन कर सकते है । इसके अतिरिक्त कोई भी रास्ता या समाधान नहीं जो विनाश की तरफ बढ़ती इस मनुष्य जाति को बचा सके क्योंकि आज सुन्नी मुसलमान shai muslim को मार रहे है। पाकिस्तान में मुस्लिम आतंकवादी छोटे-छोटे निर्दोष मुस्लिम बच्चों को मार रहें है या आतंकवादी बना रहे है। दूसरी ओर हिन्दू भी भ्रष्ट होकर वैदिक धर्म विरुद्ध कर्मों को हठ, दुराग्रह व स्वार्थपूर्वक कर रहे है। भाई अपने ही भाई को मार रहा है, पिता पुत्र को व पुत्र पिता को मार रहे है। व्यभिचार, बलात्कार, दुराचार, सिगरेट-शराब नशा, भय, बीमारियाँ आदि ने पूरी मानव जाति के जीवन को इतने भौतिक संसाधनों के होते हुए भी नर्क में धकेल रखा है। अत: आप सभी ईश्वरीय ज्ञान वेद के सत्य मार्ग पर चल कर पुन: सारे विश्व को वैदिक धर्मी बनाने के लिए यथासामर्थ्य प्रयास करें। ईश्वर हम सब की बुद्धियों में सत्य ज्ञान का शीघ्र प्रकाश करें ऐसी प्रार्थना है। -सनातन धर्मी 

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