पथरी का इलाज सनातन धर्म के दृष्टिकोण से इस घटना की गूंज बहुत समय तक रहने वाली है
हमारे दिन की शुरुआत खाने से शुरू होती है और खाने पर ही ख़त्म लेकिन जो खाना हम खाते है उसमे से कुछ खाना पूरी तरह पच्च नहीं पाता जो इक्कठा होकर पथरी बन जाता है। इसके पीछे पाचन तंत्र की विकृति मुख्य कारण है। पथरी के दर्द की शिकायत सबसे दर्दनाक होती है इसलिए इसे पेट के गंभीर रोगों में लिया जाता है इससे होने वाले दर्द से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के घेरलू उपाय या अनेकों नुस्खो की खोज करता है क्यूंकि ये गुर्दे की पथरी, मूत्राशय, पित की पथरी व अनेकों रोगों में कारगर सिद्ध होते है आज के युग में मनुष्य बहुत ज्यादा व्यस्त होने के कारण स्वयं को समय नहीं दे पता, जिसका परिणाम उसको भुगतना पड़ता है। अगर नीचे दिए गये नुस्खों को आप अपना लें तो आप कुछ भी खाने-पीने के लिए स्वंत्रत हो सकते है। तो आइये जानते है पथरी को भागने के साधारण नुस्खे :- UP होगा कोरोना काल में सत्र आयोजन करने वाला पहला राज्य
पथरी के इलाज में असरदार नुस्खे :- रक्षा सूत्र में छिपी है कई सनातन परंपरा
सेब का रस पीते रहने से पथरी बनना बंद हो जाती हैं तथा गलकर मूत्र द्वारा बाहर आ जाती है।
आवले का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय कि पथरी में लाभ होता है। आम के ताजे पत्ते छाया में सुखाकर बारीक़ पिस ले और 6 ग्राम नियत बासी पानी के साथ प्रात: खाएं।
30-50 मी.ली. चुकंदर का रस दिन में चार बार पिने से पथरी गल जाती है। नारियल का पानी पीते रहने से पथरी के दर्द में राहत मिलती है।
अखरोट को साबुत कूटकर (छिलके और गिरी सहित ) एक चम्मच सुबह शाम लेने से (ठन्डे पानी के साथ ) पथरी ठीक हो जाती है। नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में मिलता है एक ही साल में कई बार क्लेम…
जामुन कि गुठली का चूर्ण दही के साथ खाने से पथरी आसानी से गल जाती है।
गुर्दे कि पथरी में मुक्ति पाने के लिए काजू को दूध के साथ पीसकर उस द्रव्य को दिन में 3-4 बार सेवन करें अवश्य लाभ होगा।
सूखे आवले को पीसकर उसे मूली पर लगाएं और चबा-चबाकर खाएं । यदि सवेरे खाली पेट ही यह प्रयोग करें, तो शीघ्र पथरी बहार निकल आएगी।
नीम के पत्तों कि राख 6 ग्राम ठन्डे पानी से 3 बार प्रतिदिन फांके । कुछ ही दिनों मूत्राशय कि पथरी निकल जाएगी।
नीम के पत्तों कि राख बनाने कि विधि :- नीम के पत्तों में छाया में सुखाकर बर्तन में जलाएं, जल जाने पर बर्तन का मुंह ढक दें | चार घंटे बाद पत्तीयों को निकालकर पिस लें यह नीम कि राख है।
3-4 नग बादाम को चबा-चबाकर खाने से एक महीने में ही पथरी से आराम मिलता है | यदि दर्द ज्यादा होता हो अथवा पेशाब में अवरोध हो तो रात को बादाम भिगोकर गुलाब के ताजे फूलों के साथ पीसकर ठन्डे दूध के साथ सेवन करें । संस्कृति को मजबूत करने के लिए... भाषा को मजबूती प्रदान करना होगा
पथरी कैसी भी हो, नियमित रूप से करेले का रस छाछ के साथ के साथ पिएं । इस प्रयोग को तब तक जारी रखें, जब तक कि पथरी गल कर बाहर न निकल जाये ।
पथरी से दूरी कैसे बनाये :- राष्ट्र के नायक हैं राम संज्ञा के रूप में और विशेषण के रूप में इच्छित आदर्श
नियमित योगाभ्यास करें । यागाभ्यास करते रहने से भूख कम लगती है जिससे आपका शारीरिक संतुलन बना रहता है। इससे पथरी होने के आसार ख़त्म हो जाते है ।
एक समय पर एक ही सब्जी का प्रयोग करें ।
बीज वाली चीजों का सेवन कम मात्रा में करें ।
टमाटर, अमरुद आदि का सेवन अलग से न करें ।
जूस का प्रयोग करें । PM: नौकरी करने वाला बनने के बजाए नौकरी देने वाला बनाने पर है जोर
दिन में कम-से-कम 3-4 ली. पानी का सेवन करें ।
शरीर को क्रियात्मक रूप से काम में लें ।
पथरी के इलाज के लिए आप को किसी डॉक्टर की जरुरत नहीं होती बल्कि उपरोक्त नुस्खे अपनाकर आप घर पर ही पथरी का इलाज कर सकते है । आप उपरोक्त नुस्खों का प्रयोग करेंगें तो आप पथरी जैसी दर्दनाक बीमारी से बच सकते है। आलस्य को त्याग दें और कर्म को अपनावे । -Alok Vady
0 Comments