आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के साथ कोरोना संक्रमण को मात

कोविड-19 के प्रकोप के बाद से प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल, संक्रमण को खत्म करने के लिए प्राकृतिक जीवनशैली और योग को अपनाने की चारों तरफ चर्चा रही है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि चिकित्सा की इस प्राचीन पद्धति, आयुर्वेद का सरोकार मानव से है, बीमारी से नहीं। बीमारी की रोकथाम, रक्षा तंत्र को मजबूत बनाना और जीवनी शक्ति को बल देना आयुर्वेदिक उपचार में प्रमुख रूप से शामिल है। यह मुख्य रूप से फिजियोलॉजी (शरीर क्रियाविज्ञान) को मजबूत करने पर बल देती है, ताकि व्यक्ति बीमार न पड़े और यदि बीमार हो भी जाए तो शरीर को अधिक नुकसान पहुंचे बिना ठीक हो जाए। ‘ला लीना’ क्या है जिसकी वजह से अभी से परेशान हैं दिल्ली-एनसीआर के लोग

आयुर्वेद और हमारा प्रतिरक्षा तंत्र: आयुर्वेद और आयुर्वेदिक उपचार मानव केंद्रित हैं, रोग केंद्रित नहीं। जिन लोगों का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है, वो बीमारियों की चपेट में जल्दी नहीं आते हैं और अगर आ भी जाते हैं तो उसका मुकाबला कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वालों की तुलना में बेहतर तरीके से कर पाते हैं। आज पूरा विश्व कोविड-19 के संकट से जूझ रहा है। एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली कोविड-19 की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है और इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए कारगर। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी प्रोटोकाल में भी कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में आयुर्वेद के महत्व को स्थान दिया गया है। साइबर जालसाजों का आतंक लखनऊ में… उड़ाए 2 लाख मुकदमा दर्ज 


आयुर्वेदिक दवाएं न केवल बीमारियों को रोकने और ठीक करने में सक्षम हैं, बल्कि बीमारियों के पश्चात होने वाली जटिलताओं के प्रबंधन में भी सहायक हैं। इसमें समस्थिति या संतुलन पाने के लिए ‘मानव शारीरिक क्रिया विज्ञान’ का समर्थन किया जाता है। यह कोविड-19 के दौरान विकसित होने वाली जटिलताओं से निपटने के लिए भी सत्य है। प्रदूषण से बचना चाहते हैं तो घर पर लगाए ये पौधे, ऑक्‍सीजन देने के साथ बनाएंगे हवा शुद्ध

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकाल: स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकाल में कोविड-19 की रोकथाम, इसके उन मामलों में जिनमें मामूली या कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, के लिए आहार के उपायों, योग और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों तथा रसायनों को सूचीबद्ध किया गया है। क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में आयुर्वेद रसायन स्थाई भूमिका निभाते हैं, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर बनता है। जो शरीर को संक्रमण से बचाता है और संचारी रोगों के प्रसार को रोकता है। प्राकृतिक आपदा झेलने वाले 6 राज्‍यों को आर्थिक सहायता का ऐलान


बदलते मौसम में रहें सतर्क: बदलते मौसम से हमारा शरीर प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। र्सिदयों में विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लेकर ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर आप इनकी चपेट में आने से बच सकते हैं। अधिक प्रोटीन और कम वसा वाला भोजन जैसे दालें, साबुत सोयाबीन, फलियां प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाते हैं। फल जैसे अनार, सेब, मौसमी, स्ट्राबेरी और पाइनएप्पल का सेवन करें। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग जरूर करें। जिन्हें सर्दी-खांसी और बुखार हो, उनके नजदीक न जाएं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। शिव की नगरी कसपुर को कहते है, यहां खेत-खलिहानों में भी मिलते हैं शिवलिंग

योग रखे निरोग योग से न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है बल्कि, मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। नियमित रूप से योग का अभ्यास हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है और हम बीमारियों व संक्रमण से बचे रहते हैं। योग का नियमित अभ्यास कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह तनाव के नकारात्मक आक्रमण को कम करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा प्रभाव डालता है। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन, एक दिन में 16 बार देखता है सूर्योदय और सूर्यास्‍त...

इन उपायों को जरूर अपनाएं

कोविड-19 की रोकथाम के लिए एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली महत्वपूर्ण है और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और रसायन चूर्ण की भूमिका महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इनका सेवन करें

प्रतिदिन सुबह और शाम कम से कम 30 मिनट तक योग, प्रणायाम और ध्यान का अभ्यास करें

खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों को इस्तेमाल जरूर करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपके पास एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली है, जो इस संक्रमण से लड़ सकती है

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