अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन, एक दिन में 16 बार देखता है सूर्योदय और सूर्यास्‍त...

 

आमतौर पर यह माना जाता है कि धरती के अलावा मानव कहीं नहीं रहते हैं, लेकिन एक दुनिया ऐसी भी है जहां पर पिछले 20 सालों से लोग रह रहे हैं, जिसे लोग अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) के नाम से जानते हैं। यहां अंतरिक्ष यात्रियों की आवाजाही बनी रहती है। आज ही के दिन साल 2000 में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बिल शेफर्ड के साथ रूसी अंतरिक्ष यात्री सेर्गेई क्रिकालेव और यूरी गिडजेंको ने आइएसएस पर कदम रखा था। इसके बाद से यह स्टेशन पिछले 20 साल में 19 देशों के 241 लोगों की मेजबानी कर चुका है। कोर्ट की अवमानना के लिए एक वकील को प्रैक्टिस से रोकने की न्यायालयों की शक्ति

International Space Station—a journey around the earth every 90 minutes  with 16 sunrises in a day | Times of India Travel

ऐसे समझिए आइएसएस को यह स्पेस स्टेशन बड़ा अंतरिक्ष यान है। यह घर के रूप में कार्य करता है, जहां अंतरिक्ष यात्री रहते हैं। साथ ही यहां बेहद उन्नत प्रयोगशाला भी है। जिसमें अंतरिक्ष यात्री विभिन्न शोधकार्य करते हैं। यह करीब 250 मील (402 किमी) की औसत ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करता है। परिक्रमा के वक्त इसकी रफ्तार 17,500 मील (28,163 किमी) प्रति घंटे की होती है। सुप्रीम कोर्ट- ब्याज माफी मामले पर आगे की सुनवाई करेगा

ऐसे तैयार हुआ स्पेस स्टेशन आइएसएस का पहला हिस्सा नियंत्रण मॉड्यूल के रूप में नवंबर 1998 को रूसी रॉकेट के जरिये लांच किया गया। यह शुरुआती चरण के लिए विद्युत और भंडारण के साथ मार्गदर्शन प्रदान करता था। अगले दो सालों में कई हिस्सों को जोड़ा गया और 2 नवंबर 2000 को पहला चालक दल यहां पहुंचा। इसके बाद भी कई हिस्से अलग-अलग समय पर जोड़े गए। नासा और दुनिया में उसके अन्य सहयोगियों ने स्पेस स्टेशन का काम 2011 में पूरा किया। इसमें अमेरिका, रूस, जापान और यूरोप के प्रयोगशाला मॉड्यूल शामिल हैं।जब खरीदना चाहिए तब शेयरों को बेच देते हैं आम निवेशक, जानिए क्या है सही रणनीति

Astronauts Witness 16 Sunrises and 16 Sunsets Each Day - The Atlantic

इसलिए है महत्वपूर्ण स्पेस स्टेशन से अंतरिक्ष में इंसान की उपस्थिति सुनिश्चित हुई है। स्पेस स्टेशन की प्रयोगशालाएं चालक दल के सदस्यों को अनुसंधान करने की अनुमति देती हैं, जो कहीं और संभव नहीं है। यह अनुसंधान पृथ्वी पर लोगों को लाभान्वित करता है। इस स्पेस स्टेशन के जरिये नासा की योजना दूसरी दुनिया को खोजना है। महिला किसान ने तैयार किया प्राकृतिक कीटनाशक 'ब्रम्हास्त्र' और 'नीलास्त्र'

पहली बार ऐसे पहुंचे थे अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री बिल शेफर्ड के साथ रूसी अंतरिक्ष यात्री सेर्गेई क्रिकालेव और यूरी गिडजेंको ने 31 अक्टूबर 2000 को कजाखस्तान से उड़ान भरी। दो दिनों के बाद उनके लिए स्पेस स्टेशन के दरवाजे खुले थे। उस वक्त यह तीन कमरों का स्पेस स्टेशन था, जो काफी तंग, नम और आकार में काफी छोटा था। हालांकि अब यह बदल चुका है।

Sunrise to Sunset aboard the Space Station

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120 अरब की लागत से स्पेस स्टेशन का निर्माण हुआ है। अब तक बनी अकेली सबसे महंगी वस्तु है।

यह स्पेस स्टेशन 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है। पांच मील प्रति सेकेंड की गति के दौरान अंतरराष्ट्रीय दल के छह सदस्य काम करते रहते हैं।

24 घंटे में यह स्टेशन 16 बार पृथ्वी की परिक्रमा करता है। इस दौरान 16 सूर्योदय और इतने ही सूर्यास्त देखता है। भारत की पाक को चेतावनी- गिलगिट बाल्टिस्‍तान हमारा है इसे तुरंत खाली करो

2 सितंबर 2017 को पैगी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में सबसे लंबे वक्त तक रहने और काम करने का रिकॉर्ड बनाया। उन्‍होंने 665 दिन आईएसएस में गुजारे।

109 मीटर लंबे इस स्टेशन में छह स्लीपिंग क्वार्टर दो बाथरूम, एक जिम और बाहरी अंतरिक्ष को 360 डिग्री देखने के लिए एक बे विंडो भी है।

Sunset from the International Space Station

अंतरिक्ष यात्री स्कॉट कैली की ऊंचाई एक साल स्टेशन पर रहने के बाद 2 इंच बढ़ गई। आश्चर्यजनक रूप से धरती पर आने के बाद वह दो दिन में ही सामान्य हो गईं। भारत में जजों को कैसे संबोधित करें- 'योर ऑनर' या 'माई लॉर्ड'?

2 बोइंग विमानों के बराबर आकार का अंतरिक्ष स्‍पेस स्टेशन।

पृथ्वी पर इसका वजन 10 लाख पाउंड या 4.53 लाख किग्रा होगा।

अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस स्‍टेशन मंं रोजानाा 2 घंटे वर्कआउट करते हैं, जिससे बहुत कम गुरुत्वाकर्षण के कारण मांसपेशियों और हड्डी के दृव्यमान को नुकसान न हो। -Alok Prabat चाय की पत्तियों के रेट उड़ा रहे होश, 75 हजार रूपये प्रतिकिलो पर पहुंच गया रेट

अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन : 120 अरब की लागत : एक दिन में 16 बार देखता  है सूर्योदय और सूर्यास्‍त

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