गाय को माता का दर्जा क्यों ?

गाय को माता क्यों कहा जाता है यह प्रश्न कभी ना कभी सबके सामने आता ही है कुछ लोग इसका उत्तर देते हैं कि गाय हमें दूध देती है जैसे मां देती है तो इसलिए गाय माता है । परंतु अब प्रश्न यह उठता है कि केवल हीै दूध नहीं देती है बकरी भी देती है भैंस भी देती है फिर गाय ही माता क्यों है ?  इसका उत्तर यह है कि गाय का और माता का दोनों का ही दूध अमृत होता है । अब दूध अमृत कैसे है यह जानिए आपको यह पता ही होगा कि इस दुनिया में कोई भी औषध ऐसी नहीं है जिसमें थोड़ा भी विष न हो चाहे वह औषध आयुर्वेदिक हो या एलोपैथी की हो आज आधुनिक डॉक्टर नवजात शिशु को दवाई देने लग गए हैं जो उसके लिए बहुत ही हानिकारक होती है

क्योंकि छोटा बच्चा विष नहीं झेल पाता है आपको यह पता ही होगा कि हमारे आयुर्वेद में नवजात शिशुओं को दवाई नहीं दी जाती है बल्कि उसकी मां को दी जाती है क्योंकि उसकी मां के पेट में पच जाने के बाद वह दवाई उसके दूध में घुल जाती है फिर दूध का पान करके नवजात शिशु के अंदर भी वह दवाई आ जाती है । अब यह जो दवाई दूध में घुलकर बच्चे के अंदर गई इसमें थोड़ा भी विष नहीं होता है क्योंकि सारा का सारा विष मां के शरीर में छन जाता है ओर शुद्ध अमृत रूपी दूध वह बच्चा पी लेता है।

ठीक इसी प्रकार जब गाय औषध चरती है मतलब ओषधीय गुण वाले फूल पत्ते यह सब चरती है तो औषध के गुण उसके दूध में आ जाते हैं और उस औषध का विष गाय के शरीर में पहले ही छन् जाता है और हमें अमृत रूपी दूध मिल जाता है । गाय के दूध और मां के दूध में इस प्रकार कोई भी अंतर नहीं है दोनों का दूध ही अमृत है इसलिए गाय हमारी माता है । मां के दूध के अलावा नवजात शिशु के लिए अगर कुछ भी खाने योग्य है तो वह गाय का दूध है। इसके अलावा गाय के दूध में 16 प्रकार के मिनरल्स होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है और यह मिनरल्स बायोटिक फॉर्म में ही होते हैं जिससे हमारा शरीर इसे आसानी से पचा लेता है। -आलोक नाथ