दांत की सफाई में पेस्ट या दातुन फायदेमंद है ?

दांत की सफाई स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कैसे ? 

नित्य प्रात: भली भांति दातुन करना, दांतों की सफाई का सबसे उत्तम साधन हैं। नीम, बबूल, मौलश्री और कचनार की तजि दातौन की कुंची अच्छी बनती है जो दातो के मसुडो पर कोई आघार नहीं करती और दातों  की संधियों में से मैल निकाल कर खूब सफाई करती हैं। नीम की दातौन कितानुनाशक होती हैं। बबूल की दातौन में मसूढ़ों को चिपकाने एवं दांतों की जड़ों को मजबूत करनेवाला टॉनिक एसिड  नामक एक विशेष पदार्थ होता हैं ।वैदिक धर्मीवेदों में बताए देवता god described by vedas

शहरों में तो अब दातुन का जैसे रिवाज ही उठ गया है उसके अभाव में पेस्ट या पाउडर का प्रयोग भी बुरा नहीं । बहुत कड़े बालों का ब्रश मसूड़ों पर आघात कर सकता है ।  इसलिए सामान्य कड़े बालों का ऐसा ब्रुश उपयोग करना चाहिए, जिनकी बनावट अर्ध चन्द्राकार हो जो दंतपंक्ति को सिद्ध स्पर्श करें ब्रुश को दांतों का सीधा रगड़कर ऊपर नीचे की ओर घुमाकर प्रयोग करना चाहिए । उपयोग के पूर्व ब्रुश को खुलते पानी में डाल लेना चाहिए जिससे उसमें बसे कीटाणु मर जावें । किसी दुसरे के उपयोग किये गए ब्रुश से कदापि दांत साफ नहीं करने चाहिए ।

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महंगे पेस्ट और पाउडरों  के स्थान पर अच्छे घरेलू मंजन भी बनाये जा सकते हैं । सबसे साधारण प्रयोग यह है की स्वच्छ लकड़ी के कोयले को खूब महीन पीसकर कपड़छन करके उसमें बारीक़ पिसा नमक मिलाकर मंजन के उपयोग में लाया जा सकता हैं । नाश्ता या भोजनोपरांत अथवा जब कभी भी कुछ खावें तब दातों को अंगुली से रगड़कर पानी से भरपूर कुल्ला करना चाहिए। अन्न या खाद्य पदार्थ के कण दांतों की संधियों में रह जाते हैं रो वे धीरे-धीरे सड़कर दांतों के विकार उत्पन्न करते हैं और अंत में कीड़ा लगने का अथवा पायरिया जैसे भयंकर रोग के कारण बन जाते हैं । 

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दांत और स्वास्थ्य-  दातों की अच्छाई-बुराई पर पुरे शरीर का स्वास्थ्य निर्भर करता हैं । यदि दांत नहीं होंगे रो भोजन चबाया न जा सकेगा, न लार बनेगी  इस कारण खाया हुआ भोजन शीघ्र पचने योग्य अवस्था में पेट को नहीं मिलेगा । दांत और पेट का बहुत निकटतम सम्बन्ध है । जिसका पेट ख़राब होगा, उसके दांत निश्चित रूप से ख़राब होंगे। इसी प्रकार जिसके दांत रोगी होंगे उसकी पाचनक्रिया अवश्य ख़राब होगी । दांत के रोगी कब्जियत, बदहजमी, भूख की कमी आदि उदार रोगों के मरीज झो जाया करते हैं । इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य और सुखी जीवन क e लिए दांतों को स्वच्छ और मजबूत रखना कितना अनिवार्य हैं ।

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सावधानियां-  अधिक पान खान दांतों को हानि पहुँचाता है, इसी प्रकार बर्फ मिश्रित बहुत ठंडा या गर्म पानी भी दांतों की जड़ों को कमजोर बनाता है। यदि दांत कमजोर हो जावें, हिलते या दुखते  हों तो जब तक बुल्कुल ही विवशता न हो जावें तब तक दांतों को नहीं उखड़वाना  चाहिए । कीड़ा लगने से दांत में पोल हो जाते जाने पर लोग उसमें चंडी धातु भरवा लेते है, यह प्रयोग बुरा नहीं है।Human Brain Science
 दांतों मेंमवाद आता हो तो दिन में दो-तिन बार मुख्यता खाने के उपरांत सरसों के तेल में बारीक़ पिसा नमक मिलाकर दांतों पर मलना चाहिए । पीनेवाली देशी तंबाकू का बारीक़ चूर्ण दांतों पर मलने से भी पायरिया  से बचाव होता हैं । - आलोक प्रभात 

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