पेट की गैस का आयुर्वेदिक दवा से रामबाण इलाज कैसे करें ?

पेट की गैस के कारण, लक्षण और उपचार पेट की गैस :- 

यह एक अपशिष्ट गैस होती है जो पाचन के दौरान बनती हैं। यह गैस आमतौर पर गुदा से बाहर होते हुए एक गंध और आवाज के साथ बाहर निकलती हैं | इसके साधारणतः पेट फूलना या आंतो की गैस के रूप में परिभाषित किया जाता हैं।

पेट में गैस बनने के कारण :-

  • बिना पचे हुए भोज्य पदार्थों के कारण व कुछ भोज्य पदार्थों का कुअवशोषण इसके मुख्य कारणों में से हैं ।
  • ज्यादातर गैस खाद्य पदार्थों में मिक्रोबियल ब्रेकडाउन से होती हैं इसके कारण हाइड्रोजन, कार्बन डाईक्साइड और मिथेन जैसी गैस बनने लगती हैं। 
  • ज्यादा खाना खाने या धुम्रपान आदि करने पर ज्यादा हवा निगलने से आंतो में अत्यधिक गैस बनती हैं । 


निचली आंतो में गैस बनने के कारण

  • गैस बनाने वाले भोजन का सेवन करना।     
  • कॉलन में पाए जाने वाले कीटाणुओं का कम होना । 
  • कठोर खाद्य पदार्थों का सेवन ।  


पेट की गैस गैस के लक्षण

  • बार-बार डकार आना 
  • पेट फूलना 
  • पेट में दर्द 
  • गैस निकलने में वृद्धि होना 
  • बैचनी महसूस होना 
  • बदबूदार गैसे बनना 

अधिक गैस निकलने से कोई आपातकाल चिकित्सा पैदा करती हैं। फिर भी इसे जल्द से जल्द डॉक्टर से चेक करवा लेना चाहिए | अन्यथा पेट से सम्बंधित और रोग भी हो सकते हैं। 

पेट की गैस पेट से सम्बंधित रोग :- 

  • पेट में गंभीर ऐंठन 
  • दाहिनी तरह पेट में दर्द 
  • दस्त और कब्ज       
  • डायरिया बुखार 
  • मल मे खून आना   


पेट की गैस गैस रोग या अफारा के नुस्खे


  • लहसुन और अदरक के रस को मिलाकार गुनगुने पानी के साथ पी लीजिये । पेट का अफसर चंद मिनटों में भाग जाएगा । 
  • पानी में खाने का सोडा, निम्बू और नमक मिलाकार पिएं, पेट का अफारा परेशान नहीं करेगा। 
  • कठज तथा मन्दाग्नि होने पर पेट का अफारा बैचनी और भी बाधा देता है । 
  • इमली का गूदा पानी में उबालकर थोड़ी-सी चीनी के साथ मिलाकार सेवन करें । 
  • मधुमेह के रोगी चीनी के बदले थोडा गुड या देशी बूरा मिला सकते है | 
  • पीसी हुई हल्दी और नमक गुनगुने पानी से लें तुरंत लाभ होगा ।
  • हरी हल्दी को छोटे-छोटे टुकड़ों में कट लें। इस पर निम्बू, और नमक व काली मिर्च छिडक कर भोजन के साथ लें। इससे गैस नहीं बनेगी ।
  • एक चम्मच अजवाइन में चौथाई चम्मच निम्बू का रस मिलाकार चाटें। गैस शीघ्र शांत हो जाएगी। 
  • एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच एरंडी का तेल डालकर पिएं। शीघ्र लाभ होगा । 
  • पेट में वायु का प्रकोप होने पर शुद्ध हिंग पीसकर उसे रुई के फ़ोहे पर रखकर नाभि पर रखें | इससे गैस निकल जाएगी व दर्द ठीक हो जायेगा । 
  • पञ्च बड़े चम्मच सौफ भुनकर पिस लीजिये, इसी मात्रा में मिश्री का भी चूर्ण बना लें दोनों कि मिलाकर इसबगोल कि भूसी में मिला लें।यह चूर्ण सुबह, शाम और रात को खाना खाने के बाद दो चम्मच लें । कभी पेट में गरमी उत्पन्न नहीं होगी और खाना भी शीघ्र हजम हो जायेगा ।
  • हिंग, सुघनी या काला नमक डालकर 50 ग्राम किया हुआ तिल का तेल पिने से पेट कि गैस से छुटकारा मिलता है । 
  • सौफ को चबाकर खाने से और उसका रस चूसने से अफारा शांत होता है । 4-5 ग्राम सौफ का चूर्ण ग्राम पानी के साथ लेने से भी अफारा दूर होता है । 
  • पान के रस में शहद मिलाकर चाटने से गैस रोग से मुक्ति मिलती है । 
  • 25 ग्राम मेथी और 25 ग्राम सोआ लेकर तवे पर भूनिए, फिर उन्हें अधकटा काट लें। यह चूर्ण 5-5 ग्राम सेवन करने से गैस से मुक्ति मिलती है। -आलोक आयुर्वेद  

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