के उपाय क्या और कैसे करें ?
खाज-खुजली खाज एक चरम रोग है जो संक्रमण से एक दूसरे को लग जाते है । अन्य चर्म रोगों की भांति खाज भी शरीर की पूर्ण रूप से शारीरिक सफाई न होने के कारण होते है । त्वचा पर जमा मैल खाज-खुजली के कीटाणुओं के रहने के लिए अच्छा स्थान है । जो लोग प्रतिदिन स्नान नहीं करते है उन्हें यह रोग अपना शिकार बनाता है । खुजली के उपाय के लिए क्या करें ? विदुर नीति (Vidur Niti) प्रमुख श्लोक एवं उनकी व्याख्याखुजली होने के प्रमुख कारण
1 लोग अँगुलियों की संधियों और पौरुआ की सिकुड़न को अच्छी तरह साफ़ नहीं करते है।
2 लोगों को खासकर मलद्वार और मूत्रद्वार के मध्यवर्ती स्थल की सफाई पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए ।
3 अंगुलियों की संधियों और पौरुओं की सिकिड़ो में जमे मैल की तहों से खुजली के कीटाणु संक्रमण करते है । इसी करना खुजली का आरम्भ अंगुलियों की संधियों और विपट प्रदेश में फुंसियाँ उठने से शुरू हो जाता है ।
4 खाज-खुजली का एक कारण गिले वस्त्रों के प्रयोग से भी होता है । साधारणतया जब लोग नदी या तालाब में नहाते है तो तो पहने हुए वस्त्र को आधा सूखा कर पहन लेते है । और उसी अवस्था में घर चले जाते है ।
5 गाँव में स्त्रियाँ तो बहुधा स्नानोपरांत गिले वस्त्र पहन कर ही घर लौटती है । गिले वस्त्र पहनने के कारण त्वचा में खुजली उत्पन्न होती है । और इस जगह नाख़ून से खुजाने के कारण पिबदार फुंसियाँ जन्म लेती है ।
6 मौसम में आये बदलाव से चर्म रोगों को बढ़ावा मिलता है । एक योग नहीं लगने देगा कोई रोग…
7 किसी भी क्रीम या मेडिसन के साइड इफ़ेक्ट से भी चर्म रोगों को बढ़ावा मिलता है ।
8 शरीर पर धूल मिट्टी जमने के कारण समय पर सफाई न होने से चर्म रोग होते है ।
9 बालों में जुए और रूशी होने के कारण सिर में खुजली होने लगती है और दाद जैसी समस्या उत्पन्न होती है ।
11खुजली एक संक्रमण रोग है जो साथ सोने, गले लगाने आदि कई कारणों से फ़ैल सकता है।
12 रोगी के कपडे पहनने या उसके बिस्तर का प्रयोग करने अथवा उसके साथ लेटने वाले को निश्चित रूप से यह रोग अपना शिकार बना लेता है ।
इसी प्रकार छाजन और दाद रोग भी स्पर्श के सम्पर्क से ही फैलते है खुजली होने पर समय पर उपचार न होने से दाद जैसी बीमारियों को जन्म मिलता है । जिसका सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण है की शरीर की अच्छे से सफाई न करना । सभी प्रकार के त्वचा रोगों से छुटकारा पाने के लिए नित्य नहाना बहुत जरुरी है और विशेषकर गुप्तांग की सफाई भी जरुरी है क्योंकि चर्म रोग गुप्तांग जैसी जगहों पर होना साधारण बात है ।
खुजली के लक्षण
1 खाज होने पर त्वचा धीरे-धीरे लाल होने लगती है ।
2 त्वचा पर धीरे-धीरे छोटे-छोटे दाने उभरने लगते है ।
3 खुजली वाली जगह पर जलन महसूस होने लगती है ।
4 त्वचा गीली होने के कारण ज्यादा खुजली होती है ।
5 त्वचा को खुजाने पर भी आराम नहीं मिलता है ।
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1 खाज होने पर देशी घी को गुनगुना गर्म कर लें और खारिश वाली जगह पर धीर-धीरे मसाज करें ।
2 एलोविरा को काट कर इसके गुद्दे को खुजली वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है ।
3 एक चममच डिटोल व एक चम्मच पानी लेकर दोनों को आपस में मिलाये और रुई से खुजली वाली जगह की 4 सफाई करें इससे कम प्रभावित क्षेत्र जल्द ही ठीक हो जाता है ।
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1 नित्य समय पर शौच जाना चाहिए। समय पर शौच न जाने से होने वाली कार्बनडाई गैस निकलने से चर्म रोग उत्पन्न होते है ।
2 नित्य व्यायाम करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि व्यायाम करने से निकलने वाले पसीने से चर्म रोगों का सफाया होता है ।
3 प्रतिदिन नहाना बहुत जरुरी है अगर ठन्डे पानी से नहाया जाये तो अति उत्तम है ।
4 नहाते समय साबुन का प्रयोग न करें । और अच्छी से गुप्तांगो की सफाई कर लेनी चाहिए ।
5 चर्म रोगी को नीम के पानी से नहाना चाहिए ।
6 प्रतिदिन खाली पेट नीम के पत्ते चबाने से चर्म रोग कम उत्पन्न होते है ।
7 गिले वस्त्रों का प्रयोग करने से बचे ।
8 चर्म रोगी से कुछ समय के लिए दूरियाँ बनाना बहुत जरुरी है ।
9 नित्य प्रति कार्य करने के दौरान आने वाले पसीने के सूखने के बाद नहाना बहुत जरुरी है । अन्यथा पसीने वाली जगह खुजली आरम्भ हो जाती है जिससे चर्म रोगों को बढ़ावा मिलता है ।
10 चर्म रोगी को प्रतिदिन नहलाये और साबुन और तेल से बचाएं । -आलोक प्रभात
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