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खाली मन शैतान का घर 

लोक में प्रसिद्द कहावत बिलकुल सही है कि “खाली मन शैतान का घर होता है “ अर्थात निठल्ले बैठे रहने वाले बालकों या बड़ों के मन में दुर्विचार ही आते है । और दुर्विचार से व्यक्ति का आचरण बुरा बन जाता है । इसलिए शास्त्रों का आदेश है – “कर्म कुरु” हे मनुष्यों, सदा कर्म करने में  संग्लन रहो । वित्त मंत्री ने GST Council की 40वीं बैठक में छोटे करदाताओं के लिए राहत का एलान

निठल्ला आदमी परिवार और समाज पर भार है । तो अकेलापन मन पर । यही कारण है कि अपराध करने पर अपराधियों को एकांत कारावास की सजा दी जाती है । अकर्मण्यता और एकाकीपन के भर को कर्म करने की आदत ही दूर कर सकती है कर्म ही मनुष्य को आगे बढ़ता है, कर्म ही मन को गलत रस्ते से बचाता है । निठल्लापन मनुष्य को पतन के रस्ते पर ले जाता है । निठल्ला आदमी या तो आवास घूमेगा, या दुर्व्यसनों का शिकार बनेगा । एक घटना के द्वारा हम इस बात को समझ सकते है । हनुमान जी कौन थे ? क्या लंका में तैरकर गए ?

एक किसान था । वह सुबह अँधेरे खेत में जाता, साँझ होते घर लौटता । दिन भर कड़ी मेहनत करके अपने खेतो को सवारता- संभालता, अच्छी फसलें प्राप्त करता । घर में हर फसल पर खूब धन आता । सारा परिवार अच्छा खता-पिता, अच्छा ओढ़ता-पहनता, सुख-चैन से रहता था ।  शानदार डांस किया ‘जय जय शिव शंकर’ पर छोटी लड़की ने…

निठल्ले पडोसिओं को उससे इर्ष्या होती थी । वे काम करते थे, न दूसरों का काम करना सुहाता था , क्योंकि निठल्लेपन में हमेशा दुर्विचार ही उत्पन्न होते है । उन्होंने शैतान से प्रार्थना की कि इस किसान का सुख छीन लीजिए । निठल्ले शैतानो की प्रार्थना शैतानराज ने सुन ली और कहा ‘ठीक है तुम्हारी मनोकामना पूर्ण करूँगा’। राम प्रसाद बिस्मिल की भविष्यवाणी आज सच साबित हुई

शैतान ने किसान का सुख छिनने के लिए अपना दूत भेजा । दूत ने बाढ़ ला दी । किसान की फसल का बहुत नुकशान हुआ । किसान ने हार नहीं मानी । उसने फिर कड़ी मेहनत की और नुकसान के क्षतिपूर्ति कर ली । यह चाल सफल हुई न देख दूत ने अगले वर्षो सुखा ला दिया । खूब अकाल पड़ा । किसान ने हिम्मत नहीं हारी, और कड़ी मेहनत की । अधिक नुकसान होने से बचा लिया । चार धाम की यात्रा कर सकेंगे 1 जुलाई से बाहरी श्रद्धालु…

शैतानराज उस दूत को अपने लक्ष्य में असफल देख कर बहुत रुष्ट हुआ । उसने उसको वापस बुलाकर दुसरे चतुर दूत को यह काम सौंपकर किसान के पास भेजा । दूत ने बहुत विचार करके दूसरा मार्ग अपनाया । उसने किसान की उपज को कई गुना बढ़ा दिया । किसान थोड़ी मेहनत करता, आमदनी कई गुना हो जाती । इस प्रकार दुसरे साल भी हुआ । किसान मलामाल हो गया । अब वह सारे-सारे दिन खाली, निठल्ला रहने लगा । धन की उसे कमी नहीं रही । गाय के गोबर से उड़ेगा हवाई-जहाज़ australian-scientist-claims

समय बिताने के लिए अब वह ताश खेलने वालों की आवारा मण्डली में बैठने लगा । फिर शर्त लगाकर जुआ खेलने लगा । जुआरिओं के संग से शराब पीने की, भांग, अफीम, सुल्फा आदि नाशो की आदत पड़ गई । अब जुआरिओं और नशेड़ियो की टोली उसके घर जमने लगी । सारा-सारा दिन प्याले खनकते, जुए के दाव लगते । धीरे-धीरे जमा धन समाप्त हो गया । घर खाली हो गया । घर में पत्नी और बच्चों से रोज-रोज झगड़ा होता । वह बढ़ते-बढ़ते हाथापाई में मार पिटाई में बदल गया । पति-पत्नी में मदहोश ही किसान ने क्रोध में आकर पत्नी के सिर में लाठी दे मारी जिससे पत्नी का देहांत हो गया । पुलिस ने उसको पकड़कर जेल में डाल दिया । आजीवन सजा पाकर वह जेल में सड़ता रहा । सरकार की बड़ी राहत किसानों को, लोन चुकाने की अवधि बढ़ी; फसलों की MSP में भी बढ़ोतरी

इस प्रकार निठल्ले या खालीपन ने एक परिश्रमी किसान के जीवन को बर्बाद कर दिया । उसका स्वर्ग-सा घर नरक बन गया । ऐसे ही निठल्ले-खाली रहने वाले विद्यार्थिओं या युवको का जीवन भी पथभ्रष्ट हो जाता है । उन्हें कभी खाली मन नहीं रहना चाहिए । पढ़ाई, कमाई या घर के कामों में सदा व्यस्त रहना चाहिए । काम में व्यस्तता से कोई न कोई उन्नति अवश्य होगी जबकि निठल्लेपन से कोई न कोई अवनति अवश्य होगी । -Swami Alokananda

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