World Simplicity Day 2020 आपदा के कारण जिंदगी की रफ्तार थमी तो ठहराव के दौर में इसे देखने का नजरिया भी बदलने लगा। क्या आपने गौर किया है कि सादा खानपान, रहनसहन जो पहले मुश्किल था, अब जाने-अनजाने में दिनचर्या का हिस्सा बनने लगा है। मुश्किल जिंदगी के बीच होने लगा है इसकी सादगी का भी एहसास। हर साल 12 जुलाई को अमेरिका में ‘सादगी दिवस’ मनाया जाता है, जबकि भारतीय संस्कृति और समाज का यह सर्वोच्च मूल्य है। वे दिन खूब याद आ रहे हैं, जब सुबह से शाम तक काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने की होड़ मची रहती थी। ‘समय नहीं है’ का जुमला हर किसी की जुबान पर था। दुनियाभर में जीवन में ‘स्लोडाउन’ पर बात हुई। यानी भागमभाग वाली दिनच र्या को थोड़ा धीमा करना सीख जाएं तो आसान हो सकती है जिंदगी। हम थोड़ा ठहरे, तब जाना कि इसकी जटिलताएं तो हमने ही पैदा की हैं, जिंदगी खुद में कितनी सरल और सादी है। क्या है Mutual Fund, इसमें कैसे करें निवेश?
सॉफ्टवेयर इंजीनियर स्वाति वर्णवाल कहती हैं, ‘जो बात हमें सालों से समझ में नहीं आ रही थी, उसे इस मुश्किल समय ने एक झटके में समझा दिया है।’ उनके मुताबिक, ऐसा लग रहा है, जैसे जिंदगी ‘बैक गियर’ में बहुत पीछे चली गई है, जब आधुनिक युग का ऐसा दबाव नहीं था और न ही ख्वाहिशों का बोझ था। इतनी ही सरल होनी चाहिए जिंदगी, जहां रोजाना आने वाली तमाम कठिनाइयों के बावजूद हम इनसे सब्र से निपटने का हौसला भी रख सकें। याद कीजिए, पिछली बार हमने कब झरोखे पर बैठने का सुख पाया। कब बारिश के बाद सोंधी मिट्टी की खुशबू को जरा रुककर महसूस किया। काढ़ा पीते हुए जिंदगी की ऐसी सादगी का एहसास इससे पहले कब हुआ? HCL Tech की प्रमुख Roshni Nadar देश की सबसे अमीर महिला बनीं
सादगी दिवस 12 जुलाई: अमेरिका के मशहूर लेखक, कवि, पर्यावरणविद, इतिहासकार और दर्शनशास्त्री हेनरी डेविड थोरी के जन्मदिन (12 जुलाई, 1817) को ‘सिंप्लीसिटी डे’ यानी सादगी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने दुनिया को ‘सादा जीवन’ जीने का संदेश दिया था और सभी समस्याओं का हल इसे बताया। मांसाहार से हानियाँ Disadvantage Of Non Veg
सरलता ही रखेगी एकाग्र : पिछली सदी के सत्तर के दशक में अमेरिका के मशहूर मनोवैज्ञानिकअब्राहम हेराल्ड मेसलो ने ‘मेसलो पिरामिड’ का सिद्धांत दिया। इस के तहत इंसान की मूलभूत जरूरतों का क्रम सजाया गया है। बताया गया कि इन जरूरतों को पूरा करने के क्रम में जीवन जटिलता की तरफ बढ़ता है। जैसे, सुरक्षा की आवश्यकता के तहत नौकरी की सुरक्षा, आमदनी की चिंता, सम्मान, शोहरत-इज्जत की जरूरत को इस सिद्धांत में रखा गया। ये वे आवश्यकताएं हैं, जो इंसान को चालाकियों और झूठ बोलने के लिए उकसाती हैं। आत्मबोध यानी खुद की शांति चाहिए। यह भी एक जरूरत है, जो इंसान पर रचनात्मक दबाव बनाए रखती है। पर कुछ लोग अपनी प्रतिभा और समझदारी के बल पर ऐसी जटिलताओं के बीच भी सादगी भरा जीवन चुन लेते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी फ्रांस के एडवर्ड चाल्र्स मनोवैज्ञानिक, दर्शनशास्त्री होने के साथ लेखक भी हैं। यहां उनका एक कथन प्रासंगिक है, ‘जटिल होने के बाद आपके प्रयास भी आपको विचलित कर देंगे। वहीं, सरल रह सकेंगे तो आपका प्रयास भी केंद्रित रहेगा यानी एकाग्र रह सकेंगे।’ जरा सोचिए, परफेक्ट रहने की दौड़ और खुद पर दबाव डालते रहने की आदत ने जीवन को आसान बनाया या जटिल। आत्ममूल्यांकन करने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता। इस चाय के सेवन से इम्युनिटी मजबूत करने में मिलेगी मदद
ये जंग होगी आसान : ‘आसान नहीं सरल है जिंदगी, बस हमें इसे इतना सरल रखना है, जितना रख सकें। उन अपेक्षाओं के पीछे न दौड़ें, जो मन की शांति हर लें। सरल रहें और खुद को पूरी तरह स्वीकार करें।’ इन दिनों अपने इंस्टाग्राम पोस्ट से सकारात्मकता का संचार करने में जुटी हैं अंकिता कंवर। वे अभिनेता मिलिंद सोमन की पत्नी होने के साथ-साथ अपनी एक अलग पहचान रखती हैं। उनके मुताबिक, सादगीपूर्ण जिंदगी संभव है, यदि हम नकारात्मकता के बीच भी अपने विचारों को सकारात्मकता की ओर ले जाने का अभ्यास करें। सोशल मीडिया पर हजारों प्रशंसकों को वीडियो व फोटो के जरिए जिंदगी से जोड़ने वाले सेलिब्रिटीज की लंबी फेहरिस्त है यहां। वे बिना मेकअप सादगी भरी अपनी तस्वीरों और अनुभवों के जरिए नकारात्मक हो रहे माहौल में भर रहे हैं सकारात्मक रंग। परिश्रमी किसान की बुद्धिमता
हाल ही में मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना गीता चंद्रन के परिवार सहित कोविड-19 संक्रमित होने की खबर उदास करने वाली थी, पर वे सभी विजेता बनकर लौटे। उनकी नृत्यांगना बेटी शरण्या चंद्रन ने अपनी फेसबुक पोस्ट में बताया कि कैसे इस जंग को उन्होंने सादगी और मानसिक मजबूती के बल पर जीत लिया। आँखों के रोग कौन-कौन से हैं और इनका इलाज कैसे करें ?
जब सादगी को अपना लेते हैं आप… जरूरतें अधिक नहीं बढ़ाते और वही खरीदते हैं जो आवश्यकताओं से जुड़ी हों। सेहत सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। इस पर एकाग्र रहते हैं, तनाव भी कम होता है। सच्चाई के करीब रहते हैं और अति प्रतिक्रियावादी होने से बचते हैं। निर्णय समझदारी से भरा होता है। बजट को जरूरी मानते हैं। इस पर पूरे भरोसे के साथ काम करते हैं। आपको समझौते कम करने पड़ते हैं। भविष्य की परवाह करते हैं पर वर्तमान को भरपूर जीना एकमात्र शर्त मानते हैं। आप अपने आज को खतरे में नहीं रखना चाहते। आपके रिश्ते गहरे और अर्थपूर्ण होते हैं। ये कर्तव्यों को पूरा करने पर केंद्रित होते हैं, किसी को प्रभावित करने के उद्देश्य पर नहीं। खुद का खयाल रखते हैं। गैजेट या अन्य भौतिक वस्तुओं को लेकर उलझे नहीं रहते। आप अपने ऊपर महात्वाकांक्षाओं को हावी नहीं होने देते। सरल चीजों में आनंद लेते हैं। जैसेटहलना, बादलों को निहारना या और कोई भी काम, जो आप कर रहे हैं। गैरजरूरी चीजों पर ध्यान नहीं देने के कारण आपकी मानसिक शांति अपेक्षाकृत अधिक होती है। ICC T20 World Cup अब Asia cup के बाद स्थगित होगा
नृत्यांगना शरण्या चंद्रन ने बताया कि संकट काल का बड़ा सबक, सादगी से न हो समझौता हमारा परिवार कोविड-19 की जंग को जीत कर लौटा है। इस दौरान चिकित्सक पैरासिटामॉल के अलावा और कुछ नहीं दे सकते थे। बस हमने देसी दवाइयां खाईं, काढ़ा पीया, खानपान को बिल्कुल सामान्य रखा, जो पोषक तत्वों से भरपूर हो। अनुशासन, योग, ध्यान जो हमारे नियमित जीवन का हिस्सा था, वह काम आया। इस जंग में एकमात्र सहारा यही है यानी सादगी भरी स्वस्थ जीवनशैली। यही है इस मुश्किल समय का ठोस सबक कि यदि हम अपने जीवन को सहज-सरल नहीं रखते, तो जिंदगी के साथ न्याय नहीं कर सकते। रामनगरी में राममंदिर के साथ आकार लेगा राष्ट्रमंदिर, 5 को PM करेंगे भूमि पूजन
इससे बेहतर टास्क नही: आपने अब तक जितने कार्य किए, जो टास्क पूरा करने वाले हैं, उन सबसे बड़ा है यह। यह वह काम है, जो निवेश करने के बाद बेहतरीन परिणाम दे सकता है। एक सुंदर, मजबूत रिश्ता और जीवन दे सकता है। यह है-अपना सर्वश्रेष्ठ संस्करण पाने के लिए किया गया खुद पर काम। आपका सबसे बेहतरीन संस्करण आना बाकी है। वह आपको तभी नजर आएगा, आप खुद पर काम करना शुरू करेंगे। लंबी दूरी की इस यात्रा में आपका चुनाव किस तरह का रहता है, वह मायने रखता है। यदि आप सही चुनाव नहीं कर पाए तो उससे बड़ी दूसरी पीड़ा कोई दूसरी नहीं। यानी खुद से ही जो हमें पीड़ा मिलती है, वह ज्यादा दर्द भरी होती है। पर अच्छी खबर यह है कि अपना बेस्ट वर्जन पाने की शुरुआत के लिए आज का दिन ही श्रेष्ठ है। खुद पर काम शुरू करें और यह मान लें कि आज ही पहला दिन है आपकी बाकी की जिंदगी के लिए। बेशक कभी देर नहीं होती, जब आप अपने बुरे फैसले पर दोबारा सोचें और कुछ नया और अच्छा शुरू करें। अच्छी आदतों को विकसित करें और बेहतरीन परिणाम पाएं। हां, आपको अच्छे फोन की जरूरत नहीं। अच्छे घर, अच्छी परिस्थितियों की भी जरूरत नहीं। जटायु संरक्षण केंद्र यूपी में जल्द बनेगा, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सहयोग से…
आपको बस एक माइंडसेट यानी एक सोच की जरूरत है। बस यही आपकी औसत और आगे आने वाली जादुई जिंदगी में अंतर करने का माध्यम है। पर यह कितनी उदास करने वाली बात है कि आप कभी अपने उस बेहतरीन संस्करण से नहीं मिल पाते, क्योंकि आप बहुत जल्दी हार मान लेते हैं। याद रहे, आपसे प्यार करने वाले लोग आपको देख रहे हैं। उनके लिए आपको एक ऐसा उदाहरण बनना है, जो अपना बेस्ट पाने की खातिर हर चीज को दांव पर लगा चुका है। आपको जरूर लड़ना चाहिए बेहतर जिंदगी के लिए। [साभार] परिश्रमी किसान की बुद्धिमता - Alok Prabhat
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