पति की दीर्घायु और मंगल-कामना हेतु सुहागिन नारियों का यह महान पर्व है। करवा (जल पात्र) द्वारा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर पारण (उपवास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर पारण उपवास के बाद का पहला भोजन) करने का विधान होने से इसका नाम करवा चौथ है। चन्द्रोदय तक निर्जल उपवास रखकर पुण्य संचय करना इस पर्व की विधि है। चन्द्र दर्शनोपरांत सास या परिवार में ज्येष्ठ श्रद्धेय नारी को बायना देकर 'सदा सौभाग्यवती भव' का आशीर्वाद लेना व्रत की पहचान है। DELAYED JUSTICE IS DENIED JUSTICE
करवाचौथ यानि पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला निर्जलव्रत। जिसमें महिलाएं सोलह श्रृंगार कर मां गौरा से पति के दीर्घायु होने की प्रार्थना करती हैं। इस साल आगामी 4 नवंबर को करवाचौथ का व्रत है जिसकी तैयारियां महिलाओं ने अभी से शुरू कर दी है। इसमें भी खरीदारी के साथ सबसे बडा काम महिलाओं के लिए ब्यूटी पॉर्लर की अपॉइंटमेंट बन गया है।
दरअसल कोरोना के चलते ब्यूटी पॉलर्स में अधिक संख्या में महिलाओं को आने की परमिशन नहीं दी जा रही है, जिसकी वजह से महिलाएं अपना स्लॉट पहले से ही बुक करवा रही हैं। यह सब सामान भारतीय बाजार में ही तैयार किया गया है। ब्लू मून क्यों है इतना खास, जानें वैज्ञानिक वजह और इसका धार्मिक महत्व...
जुल्का ग्लॉसी डिजाइन इस डिजाइन की चूड़ियों को खूबसूरत रंगों में अलग-उलग तरीके के काम जैसे राजस्थानी, मोरपंखी और पंजाबी गोटे से सजाकर बनाया जाता है। इस तरह की चूड़ियों को आप सिल्क साड़ी और राजस्थानी लहंगे पर पहन सकती हैं।
ट्रेडिशनल थ्रेड वर्क यह भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से तैयार की जाती हैं। इन चूड़ियों की खास बात ही यही होती है कि इनमें लहराते हुए जरी के काम होते हैं। हर राज्य में इसे लेकर अपनी ही कलाकारी है. बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक में इन चूड़ियों पर ट्रेडिशनल काम करके सजाई जाती है। जब खरीदना चाहिए तब शेयरों को बेच देते हैं आम निवेशक, जानिए क्या है सही रणनीति
मल्टीकलर ग्लास से बनी चूड़ियां इस पैटर्न की चूड़ियों की खास बात ही यही है कि यह ग्लास से बनी होती हैं। यह अक्सर फ्लोरल पैटर्न वाली होती हैं, जिन्हें आप कलरफुल कुर्ती पर पहन सकती हैं।
इस बार फैशन में राजस्थानी कडे करवा चौथ में हर साल चूडियों, कपडों के साथ ही मेकओवर होने का स्टाइल बदलता रहता है। हरेक महिला मॉडर्न होते हुए भी ट्रेडिशनल लुक अपनाना चाहती है।अखिलेश की चुनाव आयोग से मांग- केंद्रीय सुरक्षा बल की निगरानी में हो उपचुनाव
पूजन सामाग्री की बिक्री शुरू करवाचौथ 4 नवंबर को है लेकिन अभी से पूजन सामाग्री बिकनी शुरू हो गई है। जिसमें चीनी का करवा, करवा माता की फोटो व कथा की किताब हैं। इसके अलावा मीठी मट्ठी, फीकी व नमकीन मट्ठी के साथ ही देशी घी की फेनियां भी खूब बिक रही हैं।
बढी आभूषणों में बिछूओं की डिमाड आभूषण विक्रेता संजय साहा ने बताया कि इस बार करवाचौथ के चलते नए डिजाइन के आभूषणों की मांग बढी है लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड में कोल्हापुरी और कोलकत्ता की बनी पायलों व बिछुओं की डिमांड है। -Alok Arya लिव इन रिलेशनशिप से संबंधित भारतीय कानून
0 Comments