Hawan से वायु प्रदूषण का 100% सफाया
विश्व के लगभग सभी मत पंथ सम्प्रदायों व पूजा पद्धतियों में चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम, ईसाई हो, यहूदी, पारसी, जैनी या बौद्ध यहाँ तक की देश और दुनिया में रहने वाली वनवासी जातियां व कबीलों में भी किसी न किसी रूप में यज्ञ की प्रथा आज भी विद्यमान है । देश, काल व परिस्थिति के कारण विशुद्ध वैदिक वैज्ञानिक यज्ञ के स्वरुप व क्रिया में भेद तथा विकृति उत्पन्न होती चली गयी । धार्मिक संगठन दीपक, मोमबत्ती, धूप, धुनी, अगरबत्ती, लोभान आदि के रूप में इस परम्परा को बनाये हुए है । वे सब यज्ञ के ही बदले हुए रूप है । विश्‍व की जनसंख्‍या 7 अरब के पार, लाखों हैं बेघर और करोड़ों को नहीं साफ पानी

अग्नि का गुण – अग्नि में डालने से कोई पदार्थ नष्ट नहीं हो जाता है बल्कि रूपांतरित हो जाता है, ठोस या द्रव्य रूप से गैस रूप में बदल जाता  है । एक व्यक्ति दो चार मिर्च आराम से खा सकता है लेकिन दो चार मिर्च जलने पर ही कई लोगों को बुरी तरह खासने व छींकने पर मजबूर कर देती है । खाया हुआ 50 ग्राम या 100 ग्राम घृत एक ही मनुष्य के लिए लाभकारी होता है किन्तु वहीँ घृत यज्ञ प्रक्रिया से सूक्ष्म होकर, अनंत गुना शक्तिशाली बनकर हजारों मनुष्यों, पशु-पक्षियों तथा वृक्ष आदि के लिए भी लाभकारी बन जाता है । आओ हम पुन: अपनी प्राचीन वैदिक व वैज्ञानिक पद्धति को प्रारंभ करें । Birth of Gold and Minerals in vedas

15 UNKNOWN FACT ABOUT AIR POLLUTION 

1. समान्य रूप से हवा में 21% ऑक्सिजन, 78% नाइट्रोजन, 0.03% कार्बनडाय ऑक्साइड तथा लगभग 1% अन्य जहरीली गैसों के मिलने के कारण इसकी सरंचना में परिवर्तन होने से वायु प्रदूषण Air Pollution होता है। 

2. 60% वायु प्रदूषण मोटर वाहनों से और 35% बड़े तथा फैलता है। मध्यम उद्योगों से फैलता हैं। 

3. एक मोटर वाहन 970 Km. की यात्रा में उतना ऑक्सिजन फूंक डालता है। जितना एक व्यक्ति को एक वर्ष के लिए आवश्यक होता है। WMCC क्‍या है और भारत-चीन सीमा के बीच इसका ताल्‍लुक…

4. किसी भी स्वचालित वहां में एक गैलन पेट्रोल/डीजल के दहन से तीन पाउंड नाइट्रोजन ऑक्साइड वायु निकलती हैं। जोकि 5 से 20 लाख घनफीट वायु प्रदूषण  Air Pollution कर देती है। 

5. प्राकृतिक संतुलन के लिए पृथ्वी पर भूमि के 33% भाग पर वन होना अति आवश्यक हैं। हमारे देश में वर्तमान में मात्र 19% भूमि पर वन हैं। 

6. दिल्ली एवं दिल्ली जैसे अन्य महानगरों में लोग जाने-अनजाने प्रति दिन 20 सिगरेटों के धूएँ में जितना विष होता है। उतना विष वायु प्रदूषण Air Pollution के कारण अपने फेफड़ों में खिंच लेते हैं। 

7. मनुष्य एक दिन में औसतन 21,600 बार श्वसन क्रिया करता है। और इस क्रिया में 16 Kg. ऑक्सिजन आवश्यक होती है। Bhagat Singh – सजा के बाद वाला पत्र || पहली प्रतिक्रिया

8. एक व्यक्ति एक वर्ष में 12 टन कार्बनडाय ऑक्साइड उच्छ्वास से वातावरण में बाहर फेंकता हैं। 

9. एक बड़ा पूर्ण विकसित वृक्ष एक मनुष्य के सम्पूर्ण आयु के लिए जितना आवश्यक होता है। उतनी मात्रा में ऑक्सिजन प्रदान करता है और वह हवा, पानी, ध्वनी के प्रदूषण तथा धूल को रोकता हैं। 

10. वायु प्रदूषित Air Pollution होने के कारण खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से रहित, अशुद्ध और शक्तिहीन बन गए हैं। 

11. वायु प्रदूषण Air Pollution के कारण पौधों की कार्बनडाय ऑक्साइड शोषण करने की तथा पर्याप्त मात्र में ऑक्सिजन छोड़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया मन्द हो रही है। दुनिया के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति बने मुकेश अंबानी

12. पिछले कई वर्षों से फल, सब्जी, खाद्दान्न आदि का परीक्षण करने पर पता चला है कि इन सबमें जहरीले कीटनाशक रसायनों के अंश विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) द्वारा निर्धारित मात्रा से कई गुना अधिक पाया जाता हैं। 

13. पृथ्वी पर होने वाली कुछ रासायनिक क्रियाओं से पर्यावरण में फैलनेवाले वायु प्रदूषण Air Pollution के कारण आकाश स्थित ओजोन वायु की परत में बड़ा छिद्र हुआ है। यदि इसी गति से छिद्र होते रहेंगे तो पैराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) को रोकना संभव नहीं रहेगा और इसका परिणाम यह होगा कि लोग कैंसर, आँखों की ग्रन्थि आदि भयंकर रोगों से ग्रस्त होंगे तथा वृक्ष, वनस्पति भी प्रभावित होंगे। 

14. बढ़ते जा रहे वायु प्रदूषण Air Pollutionपर यदि नियंत्रण नहीं किया गया तो कुछ वर्षों बाद ऐसी स्थिति बन जाएगी कि मनुष्यों को अपने साथ प्राणवायु का सिलेन्डर बांधकर रखना होगा जिससे शुद्ध वायु ली जा सके। जैसे आज अशुद्ध जल के कारण खनिज जाल (Mineral Water) की बोतल का तथा नाक को ढकने के लिए कपड़े की पट्टी का प्रचलन हो गया है।ईश्वर सर्वव्यापक होकर सबको देखता है। Omnipresent God

15. वायु प्रदूषण Air Pollution से उत्पन्न महाविनाश के विशुद्ध यदि सामूहिक रूप से कोई उपाय नहीं किया जाएगा तो इस युग में मानव जीवित नहीं रह पाएगा। 

अगर अपने यह पढ़ लिया तो आपसे रोग बहुत दूर हो जायेंगे :- वैदिक यज्ञ Hawan चिकित्सा Hawan ही एक ऐसा माध्यम है जो ओजोन लेयर को बनाता है और कैंसर, हैजा, चेचक व बहुत सी बीमारियों को नष्ट करने की क्षमता रखत है और वायु को पुर्णतः शुद्ध करता है  जिसे कुछ विदेशी वैज्ञानिकों ने भी शिद्ध किया है :- 

1 रूस के वैज्ञानिक श्री शिरोविच ने एक पुस्तक में लिखा हैं कि गाय के घी को अग्नि में डालने से उससे उत्पन्न धुआं परमाणु विकिरण के प्रभाव को बड़ी मात्रा में दूर कर देता हैं। भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह प्रिक्रिया ‘यज्ञ’ Hawan के नाम से जानी जाती है। सिंधिया को मिल सकती है मोदी कैबिनेट में जगह अगस्त में…

2 वैज्ञानिक परीक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि यज्ञ Hawan ध्रूम से निकलने वाले अणु रेडीएशन में मौजूद अल्फ़ा,बीटा और गामा पार्टिकल से काँफी बड़े होते है। रेडीएशन पार्टिकल आगे बढ़ने के लिए यज्ञ-ध्रूम के बड़े पार्टिकल से टकरा कर अपनी उर्जा खो देते है इस तरह विकिरण का प्रभाव बहुत कम हो जाता हैं। जापान में हुए रेडीएशन के प्रभाव को यज्ञ के माध्यम से कम किया जा सकता है। 

3 पूना में फग्युर्सन कॉलेज के जीवाणु शास्त्रियों ने एक प्रय्होग किया उन्होंने घनफुट के हाल में एक समय का अग्निहोत्र किया परिणाम स्वरूप घनफुट वायु में कृत्रिम रूप से निर्मित प्रदूषण का हिस्सा खत्म हो गया इतना ही नहीं इस प्रयोग से उन्होंने पाया की एक समय के अग्निहोत्र से ही हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते है यह सब यज्ञ की पुष्टिकारक गैसों से ही संभव हुआ है।  मौत का पान मसाला Pan Masala

4 जलती शक्कर में वायु शुद्ध करने की बहुत बड़ी शक्ति विद्यमान है इससे चेचक, हैजा,क्षय आदि बीमारियाँ तुरंत नष्ट हो जाती है। मुनक्का, किशमिश आदि फलों को जलाकर देखा तो पता चला कि इनके धुंए से आन्त्रिक ज्वर (TYPHOID) के कीटाणु 30 मिनट में और दुसरे रोगों के कीटाणु एक या दो घंटों में नष्ट होते है। (वैज्ञानिक ट्रिलवर्ट वैदिक यज्ञ विज्ञान) 

5 विभिन्न रोगों के जंतुओं को समाप्त करने के लिए यज्ञ से सरल तथा सुलभ पद्धति अन्य कोई नहीं हैं। (एम. मानियर, चिकित्सा शास्त्री)  मौनी रॉय फिल्म एक्ट्रेस की दिलचस्प तस्वीरें…

शक्कर के दहन से उत्पन्न धूएँ में पर्यावरण परिशोधन की विचित्र शक्ति है इससे क्षय रोग, चेचक, हैजा आदि बीमारियों के विषाणु नष्ट हो जाते है। (वैज्ञानिक ट्रिलवर्ट फ़्रांस ) -Alok Arya