"रुद्रवंती" एक अमूल्य औषधि दोआबा की धरा में छिपी है

उष्ण भाग, समुद्र तट सिंध व सिलान में पाई जाने वाली औषधीय गुणों से भरपूर ‘रुद्रवंती’ जिले के खागा तहसील के मझिलगांव स्थित कुंडेश्वर महादेव मंदिर के पास झील में भी पाई जाती है। श्वास, रक्तपित्त, कफ, प्रमेह को नाश करने वाली इस महाऔषधि के अनेकानेक गुण हैं। महालक्ष्मी का आज घर-घर होगा पूजन, जानें शुभ मुहूर्त

इसे हासिल करने को दूरदराज से जड़ी-बूटी के जानकार व वैद्य महीनों जमावड़ा लगाए रहते हैं। ओस की बूंदों से ढकी रहने वाली रुद्रवंती सूर्य की किरणें निकलने के साथ ही मुरझा जाती हैं। अमूमन शिवालयों के निकट पाई जाने वाली इस महाऔषधि से सोना तक बनाए जाने की बात शास्त्रों में वर्णित है। जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर गर्मी के मौसम में उगने वाली रुद्रवंती के बारे में स्थानीय लोगों को इसके  औषधीय तत्वों का पता नहीं है, लेकिन इसकी बढ़ती मांग को देखकर लोगों ने इसे औने-पौने दाम पर बेचना शुरू कर दिया। भारत की भूमिका कम करने की जुगत में जुटा चीन…

गर्मी में कुछ लोगों के लिए यह जीवकोपार्जन का साधन है। गर्मी में रात लगभग 12 बजे के बाद 15 बीघे की झील  में उगने वाली रुद्रवंती की हरियाली तड़के पहर देखते बनती है। ओस की बूंद के बीच चने की तरह टिमटिमाते इसके पत्ते लोगों को अपनी ओर आकर्षित किए बिना नहीं रहते। यह आकर्षण सूर्य निकलने के साथ-साथ गुम होता जाता है। 

और फिर एक समय ऐसा आता है जब रुद्रवंती खुद का वजूद खो बैठती है। इस अमूल्य संपदा के भी दो प्रकार होते हैं। पुरुष जाति का रुद्रवंता खड़ा नजर आता है और स्वाद में कड़ुवाहट लिए रहता है जबकि मादा जाति की रुद्रवंती जमीन में चांदनी की तरह बिछी रहती है। इसका स्वाद खट्टा होता है। जितनी लू और तेज  हवा चलती है उतनी ही ज्यादा यह फै लती है।  सबसे अजीब बात यह है कि इसेे उखाड़ करके दूसरे स्थान पर नहीं लगाया जा सकता है। शायद यही वजह है कि गर्मी में कोसों दूर से आकर वैद्य व जानकार इस खास औषधि को हासिल करने के लिए महीने भर से जुटते हैं।  पाक और चीन को दिया सख्‍त संदेश, कहा- यदि आजमाने की कोशिश करेंगे तो मिलेगा प्रचंड जवाब – PM Modi

औषधीय तत्वों से है भरपूर

फतेहपुर। श्री श्री 108 देवी दास महाराज के शिष्य रामदास बताते हैं कि श्वास, रक्तपित्त, कफ, प्रमेह को नाश करने वाली इस महा औषधि के सेवन से गर्मी शांत होती है। यह बुद्धि का विकास करती है। पौरुष बढ़ाने के साथ ही त्वाचा संबंधी रोगों व पेट के विकारों को दूर करने के लिए रुद्रवंती रामबाण है। राम दास तो रुद्रवंती में सोने का राज छिपा होने तक की बात बताते हैं।  शिव की नगरी कसपुर को कहते है, यहां खेत-खलिहानों में भी मिलते हैं शिवलिंग

नहीं पता कब से उग रही है रुद्रवंती 

रुद्रवंती के बारे में मझिलगांव के बुजुर्ग ज्यादा कुछ बता पाने की स्थिति मेें नहीं हैं। गांव के सूरज केसरवानी, अमर सिंह, समरजीत सिंह, झल्लर सिंह, धर्म शंकर द्विवेदी, गुड्डू सिंह कहते हैं कि इसके बारे में पुरखों से सुनते आए हैं, लेकिन यह कब से पैदा हो रही है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। सही मायने में देखा जाए तो यह मझिलगांव ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोगों के लिए भी जिज्ञासा का विषय है।    

‘रुद्रवंती एक महाऔषधि है। इसकी तासीर ठंडी होने की वजह से इसका उपयोग गर्मी के दिनों में किया जाता है। अभी इसमें और एक गहरे अनुसंधान की आवश्यकता हैै’। - गिरिजाशंकर द्विवेदी, सेवानिवृत्त, राजकीय चिकित्साधिकारी पाक और चीन को दिया सख्‍त संदेश, कहा- यदि आजमाने की कोशिश करेंगे तो मिलेगा प्रचंड जवाब – PM Modi

‘रुद्रवंती मधुमेह नाशनी होती है और यह मस्तिष्क की गर्मी को शांत करने के लिए सबसे उपयोगी औषधि है। यह प्रकृति की अनमोल औषधि दो आबा की धरती में भी पाई जाती है’। - श्री निवास गुप्ता, वैद्य  

रुद्रवंती का प्रयोग गर्मी में मानसिक तनाव को दूर करने की अचूक औषधि है। यह बात उन्होंने स्वानुभूति की है, जिसको प्राप्त करने के लिए वे स्वयं कई बार उस जगह पर गए और उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की दुर्लभ वन औषधि पर ध्यान दे। - श्रीपाल सिंह कछवाहा, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग -Alok Vadya  सरकार ने पेंशन भोगियों को लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने के मामले में दी बड़ी राहत

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