आयुष की चार दवाएं कोरोना को हराएंगी, सात दिन में बढ़ जाएगी प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना वायरस से जंग लडऩे के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कमर कस ली है। कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए चार दवाओं की विशेष किट तैयार कराई है, जो इलाज में कारगर साबित हो रही है। सात दिन तक नियमित सेवन से जहां, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है। वहीं, सात दिन में संक्रमित की रिपोर्ट भी निगेटिव आ जाती है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने उप्र राज्य आयुष सोसाइटी को कोरोना संक्रमितों के इलाज एवं कोरोना के लक्षण के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाओं का सेवन कराने का निर्देश दिया है। वैदिक साहित्य का परिचय Vedic Literature इसे ध्यान में रखते हुए आयुष मिशन विभाग के निदेशक आयुर्वेद ने प्रदेश के सभी जिलों को दवाएं मुहैया कराईं हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। दवाओं के सेवन से बुखार, गले में खराश, सांस लेने की परेशानी दूर हो जाती है। संक्रमित की रिपोर्ट सात दिन में निगेटिव हो जाती है। सांस फूलने और फेफड़ों को भी आराम पहुंचाती है।नए दौर में निखरी हिंदी, समय के साथ मिला है बढ़ावा

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नगर व कानपुर देहात के 44 आयुर्वेद चिकित्सालयों में उपलब्ध क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. बीएस कटियार का कहना है कि आयुष मंत्रालय ने कई माह के शोध के बाद कोरोना के इलाज के लिए चार दवाओं की विशेष किट तैयार कराई है। उसमें आयुष 64 टैब, अणु तेल, सशंमनी बटी (गिलोय बटी) और अगस्त्य हरितिकी अभिलेह है, जिसका सात दिन का कोर्स है। राजकीय आयुर्वेद अस्पतालों को उप्र राज्य आयुष सोसाइटी के आयुष मिशन ने दवाएं उपलब्ध कराईं हैं। कानपुर नगर व देहात के 44 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से दवा का वितरण किया जा रहा है। Usne Kaha Tha: यह Love Story जिसने भी पढ़ी वह रो पड़ा, क्या आप जानते हैं इसके लेखक का नाम

इन सामग्री से तैयार हुईं दवाएं आर्ष ज्ञान के स्त्रोत Arsh Knowledge Sources

आयुष 64 टैब 500 एमजी : सप्तपर्ण 100 एमजी, कुटकी जड़ 100 एमजी, चिरायता 100 एमजी, कुबेराक्ष बीज 200 एमजी

संशमनी बटी : गिलोय (गुडुची) की छाल एक भाग, मुस्ता, पिपली अतीश तोमर ने कहा: MSP बना रहेगा, किसानों को मिलेगा निवेश और टेक्नोलॉजी का लाभ

अगस्त्य हरीतकी अवलेह : हरड़, इंदुजी, दशमूत्र, चिनक, पिपला मूत्र, चिरचिरा, कर्पूर कचरी, कौंच के बीज, शंखपुष्पी, मारंगी, गज पीपल, खरैटी, पोखर मूल

अणु तेल : जीवंती, अनत मूल, देवदार, कटंकारी, दालचीनी, पिठवन, षृहती आदि से निर्मित तेल

इनका ये है कहना आयुष 64 टैब व संशमनी बटी सभी प्रकार के बुखार को जड़ से समाप्त करने की क्षमता है। संशमनी बटी वायरस संक्रमण को खत्म करने की कारगर दवा है। अगस्त्य हरीतकी अवलेह में टीबी, अस्थमा, बुखार, हिक्का, अर्श, सांस लेने में तकलीफ में लाभकारी है। अणु तेल की एक-एक बूंद दोनों नासिका के नथूनों में लगाने से नाक खोलने, गले में संक्रमण व आंखों की बीमारी में कारगर है। इसलिए कोरोना संक्रमित तेजी से ठीक होते हैं। - डॉ. निरंकार गोयल, वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक। -Alok Prabhat आपके शरीर का हाल बताते हैं नाखून, इन संकेतों की मदद से रखें सेहत का ध्‍यान

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