Delhi Air Pollution: दिवाली के अगले यानी रविवार को दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर के तकरीबन सभी इलाके रेड जोन में हैं और वायु गुणवत्ता स्तर 400 के पार बना हुआ है। इस बीच हवा की दिशा बदलने और अगले 24 घंटे के दौरान बारिश होने से राहत मिलने के आसार हैं, लेकिन वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में ही बना रहेगा। ऐसे में अगर वायु प्रदूषण के साथ बढ़ती सर्दी में खुद को बचाना चाहते हैं तो गुड़ को अपना लें। पाक और चीन को दिया सख्त संदेश, कहा- यदि आजमाने की कोशिश करेंगे तो मिलेगा प्रचंड जवाब – PM Modi
वायु प्रदूषण को शिकस्त दे सकते हैं 100 ग्राम गुड़ से वायु प्रदूषण के चलते आमतौर पर लोगों में अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस और पल्मोनरी बीमारियां खतरनाक हो जाती हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों में अगर अस्थमा की समस्या हो तो प्रदूषण ज्यादा बढ़ने पर ये बीमारियां जानलेवा हो जाती हैं। इसी के साथ शारीरिक रूप से बच्चों में निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। आने वाले दिनों में हवा में प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका है। ऐसी स्थिति में गुड़ किसी दवा की तरह काम करता है। 'मूंगफली' वजन घटाने के लिए रामबाण दवा है, ऐसे करें सेवन
इस तरह करें गुड़ का सेवन वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में गुड़ का सहारा लेना चाहिए। जानकारों की मानें तो वायु प्रदूषण से पीड़ित लोगों को 100 ग्राम गड़ जरूर खाना चाहिए, चाह वह किसी भी रूप में हो। दरअसल, एक चम्मच मक्खन में 100 ग्राम गुड़ और हल्दी मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए। रोजाना कई बार इसका सेवन करने से आप प्रदूषण के असर को थोड़ा कम कर सकते हैं। गुड़ की सबसे बड़ी खूबी तो यही है कि यह शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों को बाहर निकालता है और टॉक्सिन फ्री बनाता है। गुड़ को सरसों तेल में मिलाकर खाने से सांस से जुड़ी परेशानी से राहत मिलती है।सरकार ने पेंशन भोगियों को लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने के मामले में दी बड़ी राहत
गुड़ कर सकता है फेफड़ों की रक्षा इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों के फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। ऐसे में लगो रोजाना के भोजन के साथ गुड़ को शामिल करके अपने फेफड़ों को प्रूदषण से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं। शिव की नगरी कसपुर को कहते है, यहां खेत-खलिहानों में भी मिलते हैं शिवलिंग
गुड़ की विशेषताएं उत्तर प्रदेश पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास बदरीनाथ धाम में करेंगे :CM Yogi
सैकड़ों सालों से गुड़ भारतीय खानपान का हिस्सा रहा है। भोजन करने के बाद गुड़ खाने से पाचन दुरुस्त रहता है।
100 ग्राम गुड़ का सेवन करने से प्रदूषण से होने वाली समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं।
इसके गुण की वजह से धूल और धुएं में काम करने वाले जो मजदूरों को रोजाना गुड़ खाने के लिए दिया जाता है।
प्राकृतिक रूप से गुड़ शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और गंदगी को साफ करता है।
गुड़ शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है। भारत की भूमिका कम करने की जुगत में जुटा चीन…
गुड़ का सेवन अस्थमा के रोगियों को राहत देता है। -Alok Arya
0 Comments