SIP क्या है (SIP meaning in Hindi)

अगर आप एक सामान्य निवेशक है जो की म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहते है तो आपने SIP के बारे में तो सुना ही होगा। पिछले कुछ सालो में भारत में Mutual Funds में लोगो का निवेश बहुत बढ़ गया है। इनमे से ज़्यदातर लोग Mutual Funds में SIP के माध्यम से ही निवेश करते है। तो क्या है यह SIP ? और ऐसा क्या है इस तरीके से निवेश करने में जो लोग इस तरीके से इतना निवेश कर रहे है ?

आज हम यही बात जानेंगे। हम जानेंगे की SIP क्या है ? SIP से किस तरह एक निवेशक के लिए जोखिम कम हो जाता है ? SIP के लाभ एवं नुकसान क्या है ? क्या एक सामान्य निवेशक को SIP के जरिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहिए ? इसमें सबसे पहले जानते है की

SIP क्या है ? (SIP Meaning in Hindi) : इस SIP का पूरा नाम है Systematic Investment Plan. SIP को कुछ लोग सिप भी कहते है। जैसा की नाम से जान सकते है SIP निवेश करने का एक व्यवस्थित तरीका है। यह ज्यादातर Mutual Funds में निवेश करने के लिए उपयोग किया जाता है।

इस तरीके में निवेशक एक साथ पूरा पैसा निवेश करने के बजाए निश्चित समय अंतराल में निश्चित राशि निवेश करता रहता है। जैसे निवेशक ने 1000 रूपए प्रति माह की SIP शुरू करवाई है तो वह हर महीने 1000 रुपए उस म्यूच्यूअल फंड में निवेश करता रहेगा। छोटी छोटी राशि हर महीने या हर तिमाही में निवेश करने पर निवेशक पर ज्यादा आर्थिक बोज नहीं बढ़ता। इस लिए बहुत कम आय वाला व्यक्ति भी यह निवेश कर सकता है। यह निवेश वह Mutual Funds की NAV के अनुसार करता है। साइबर जालसाजों का आतंक लखनऊ में… उड़ाए 2 लाख मुकदमा दर्ज

NAV का मतलब है, Net Asset Value. यानी Mutual Funds की 1 Unit का दाम है। जैसे शेयर बाजार में हम 1 शेयर के हिसाब से निवेश करते है, वैसे ही Mutual Funds में 1 Unit के अनुसार निवेश किया जाता है। म्यूच्यूअल फंड की यह NAV हर दिन बदलती रहती है। इस वजह से अलग अलग महीने में निवेशक अलग अलग NAV पर म्यूच्यूअल फंड खरीदता है। जब बाजार में तेजी होगी तब म्यूच्यूअल फंड की NAV ज्यादा होगी इस लिए 1000 रुपए में कम यूनिट्स आएंगी। और जब बाजार में मंदी होगी तब NAV क़म होगी इस लिए 1000 रुपए में ज़्यादा यूनिट्स आएंगी।

इस तरह बाजार की सभी स्थितिओ में निवेशक 1000 रुपए निवेश करता रहेगा। और ऐसा करने से उसने ख़रीदे हुए कुल यूनिट्स की किमत (NAV) औसत (Average) हो जाएगी। लम्बे समय में अब तक यह देखा गया है, की अगर सही जगह पर और सही तरह से निवेश किया जाए तो Mutual Funds बहुत अच्छा Return देते है। इस लिए लम्बे समय के निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलेगा।

SIP से किस तरह एक निवेशक के लिए जोखिम कम हो जाता है ? SIP Meaning in Hindi इसे अच्छी तरह से निचे दिए गए उदहारण से समझा जा सकता है।शिव की नगरी कसपुर को कहते है, यहां खेत-खलिहानों में भी मिलते हैं शिवलिंग

Reliance Small Cap Fund - Direct Plan (G) : यहाँ पर मैंने Reliance Small Cap Fund के Direct Plan मे Growth Option की साल 2018 के मई महीने से साल 2019 के अप्रेल महीने तक की NAV का चार्ट और मूल्य निचे दिया है। इस उदहारण में हम एकमुश्त निवेश और SIP के द्वारा किए निवेश में से किस निवेश में नुकसान ज्यादा है वह देखेंगे।

  • DATE                     NAV
  • 03 / 05 / 2018     48.2
  • 03 / 06 / 2018     44.61
  • 03 / 07 / 2018     43.35
  • 03 / 08 / 2018     45.25
  • 03 / 09 / 2018     46.83
  • 03 / 10 / 2018     40.95
  • 03 / 11 / 2018     41.73
  • 03 / 12 / 2018     41.82
  • 03 / 01 / 2019     41.79
  • 03 / 02 / 2019     39.85
  • 03 / 03 / 2019     41.04
  • 03 / 04 / 2019     42.73               Data Source : groww.in

सबसे पहले हम देखते है की अगर निवेशक ने मई महीने में एकमुश्त (एक साथ) निवेश किया होता तो उसे कितना Return मिलता। 11 महीने पहले एकमुश्त निवेश करते वक्त वह 48.2 की NAV पर निवेश करता। इसमें उसको मिला हुआ Return कुछ इस प्रकार होता : रिटर्न = (42.73 - 48.2) / 48.2 = -11.34 % मतलब 11 महीने निवेश करने के बाद निवेशक को लाभ के बजाए 11.34 % का नुकसान हुआ होता।आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के साथ कोरोना संक्रमण को मात

अब देखते है की अगर निवेशक एक साथ निवेश के बजाए SIP के द्वारा निवेश करता तो उसके निवेश की औसत NAV 43.22 हो जाती। जिस से उसको मिला हुआ रिटर्न होगा : रिटर्न = (42.73 - 43.22) / 43.22 = -1.13 % मतलब की SIP के द्वारा निवेश करने पर भी निवेशक को 1.13 % का नुकसान तो होता। लेकिन यह नुकसान एकसाथ निवेश करने पर होने वाले नुकसान से बहुत कम होता। इस तरह एकसाथ निवेश के बजाए SIP के द्वारा निवेश करने से निवेश का नुकसान कम हो जाता। तो इस उदाहरण से आप समझ गए होंगे की किस तरह SIP के द्वारा किया हुआ निवेश जोखिम कम कर देता है।

अब हम जानते है, की सिप के लाभ और नुकसान क्या है ? (SIP Advantages and Disadvantages in Hindi) SIP के तरीके से निवेश करने के लाभ और नुकसान भी है वह दोनों ही कुछ ऐसे है :

लाभ : SIP के द्वारा निवेश करने पर सबसे बड़ा लाभ यह है की निवेश का जोख़िम कम हो जाता है। इस तरीके से निवेश की राशि एक साथ निकालने की जरुरत नहीं होती। निवेश कम राशि से भी शुरू किया जा सकता है। निवेशक व्यवस्थित तरीके से निवेश करना सिख जाता है। कम आम्दनी वाले लोग भी निवेश कर सकते है। Top Up SIP की सुविधा का प्रयोग कर के निवेश की राशि बढ़ा सकते है।वित्त मंत्रालय ने आईपीओ से पूर्व LIC के मूल्यांकन के लिए आमंत्रित की निविदाएं…

नुकसान : लम्बे समय की SIP से मिला रिटर्न लम्बे समय के एकमुश्त निवेश से मिले हुए रिटर्न से कम होता है। हर महीने निवेश के लिए बैंक में पर्याप्त राशि होनी चाहिए। निवेश के वक्त पर्याप्त राशि न होने पर बैंक पेनल्टी चार्ज कर सकता है। लगातार 3 क़िस्त न चूका पाने पर आपकी SIP रद हो जाती है।

क्या एक सामान्य निवेशक को SIP के जरिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहिए ? इस सवाल के दो जवाब है अगर निवेशक एकमुश्त निवेश के जोखिम जितना ज्यादा जोखिम ले सकता है, तो वह एकमुश्त निवेश कर सकता है। लेकिन अगर निवेशक एकमुश्त निवेश का बहुत ज्यादा जोखिम नहीं ले सकता तो उसे SIP ही करनी चाहिए। आप कौनसे तरीके से निवेश करना चाहेंगे हमें कमेंट में जरूर बताए।

SIP का पेमेंट मिस कर गए तो क्या होगा ? क्या आप अपनी म्यूच्यूअल फंड की SIP का पेमेंट मिस कर गए है ? और आप ये सोच रहे है की आपको कितनी पेनल्टी लगेगी ? तो आप सही जगह पर आए है। SIP निवेश करने का बहुत ही बढ़िया तरीका है। जिससे की लम्बे समय में हमें अच्छा रिटर्न मिलता है। जिसका पेमेंट हमें नियत समय में करते रहना चाहिए। लेकिन कई बार किसी वजह से ऐसा होता है की हम अपने बैंक के अकाउंट में SIP का पेमेंट जितना पैसा रखना भूल जाते है या फिर कोई अवाछनीय खर्च की वजह से हमारा पैसा ख़त्म हो जाता है। जिससे हम SIP का पेमेंट मिस कर जाते है। इन संजोगो में हम यह सोचते है की SIP का पेमेंट मिस करने पर हमें कुछ पेनल्टी भरनी पड़ेगी। ऑनलाइन चेक आउट फाइनेंस क्या होता है, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए कैसे है वरदान…

SIP का पेमेंट मिस! SIP का पेमेंट मिस लेकिन आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की म्यूच्यूअल फंड कंपनिया आपके 1 से 2 SIP का पेमेंट मिस कर जाने पर कोई पेनल्टी नहीं चार्ज करती है। मगर आपका बैंक आपको ECS (Electronic Clearing Service) जितनी राशि न रखने के लिए पेनल्टी चार्ज कर सकता है। यह राशि हर बैंक में अलग होती है। HDFC BANK इस के लिए 350 रूपए चार्ज करता है। हालाँकि म्यूच्यूअल फंड कंपनिया पेनल्टी नहीं लेती लेकिन लगातार तीन बार SIP का पेमेंट मिस कर जाने पर म्यूच्यूअल फंड कंपनिया यह मान लेती है की आप यह SIP को शुरू नहीं रखना चाहते और वे उस SIP को कैंसिल कर देती है।

कैसे बचे इन चार्जेस से ? इस चार्ज से बचने या फिर अपनी SIP को कैंसिल होने से बचने का एक बहुत बढ़िया तरीका है 'Pause SIP '. अगर आपको लगता है की आने वाले कुछ समय में आप SIP का पेमेंट नहीं कर पाएंगे तो आप 'Pause SIP' का इस्तेमाल करके अपनी SIP को कुछ समय के लिए रोक सकते है। जिससे आप बैंक की पेनल्टी और SIP कैंसिल हो जाने से बच सकते है। लेकिन इसके लिए आपको कुछ समय पहले ही अपनी म्यूच्यूअल फंड कंपनी से बात करनी पड़ेगी। हर कंपनी अपने हिसाब से SIP को Pause करने का समय देती है। जब आपके पास SIP का पेमेंट करने लायक राशि बचने लगे तब आप फिर से SIP को शुरू करवा सकते है।महालक्ष्मी का आज घर-घर होगा पूजन, जानें शुभ मुहूर्त

SIP ka payment miss निष्कर्ष : अगर आपने पहली बार ही SIP का पेमेंट मिस किया है तो आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है। अगर आपको भविष्य में ऐसा लगे की पैसे की कमी रहने वाली है तो Pause SIP की सुविधा का प्रयोग करे। मगर ज्यादा Pause SIP का प्रयोग करना आपके वित्तीय लक्ष्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। sip payment miss क्युकी SIP का लक्ष्य ही आपके म्यूच्यूअल फंड के दाम को औसत करके आपके जोखिम को कम करना है। अगर आप ज़्यादा Pause SIP का प्रयोग करेंगे तो म्यूच्यूअल फंड का दाम ठीक से औसत नहीं होगा और आपका लक्ष्य ठीक से पूरा नहीं होगा। भारत की भूमिका कम करने की जुगत में जुटा चीन…

दोस्तों यदि हमारी जानकारी से आपने कुछ अच्छा सीखा हो तो comment & Like करना ना भूले। -Alok Talk

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