मक्का मदीना का आकर्षण शिवलिंग क्या हिन्दू शिवलिंग है ?


मक्का मदीना के चौकाने वाले तथ्य 

मक्का मदीना बहुत कम ज्ञात तथ्य यह है कि मेहराबें, गुम्बदें और चूर्ण-प्रस्तर कंकरिट का उपयोग स्वयं मुस्लिमों के अपने घर अर्थात मक्का आदि में उनके भारत में आने से लाखों वर्ष पहले ही भारतीय क्षत्रियों द्वारा प्रारम्भ करवाया गया था। वह तथ्य अब अनेक सूत्रों से उपलब्ध है। जैसे कि इस्लाम के इतिहास में शेखी बघार-बघार कर कहा जाता है कि मक्का को बलात इस्लाम के अधीन करने और इस्लामी पूजा स्थल में परिवर्तित करने से पूर्व इस स्थान पर अति विशाल भव्य मंदिर थे जिनमें 360 भारतीय देव मूर्तियां थी । जीव जंतुओं की एक प्रजाति…हर 20 मिनट पर विलुप्त हो रही हैं

मक्का शब्द की उत्पत्ति :- मक्का मदीना मक्का शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के मख शब्द से है, जिसका अर्थ होम की अग्नि है। प्राचीन हिन्दू लोग अग्नि की पूजा  के लिए विख्यात थे। वह अग्नि पूजा मध्य एशिया में बहु प्रचलित थी- इस बात का निर्णय उन पारसियों को देखकर किया जा सकता है जो उस क्षेत्र से आये है और अग्नि-पूजक है। ऐसा प्रसिद्ध है कि आज भी अग्नि-मंदिर बाकू, बगदाद और मध्य एशिया के क्षेत्रों में विद्यमान है। मक्का में इस्लामी देव-पूजन का प्रमुख आकर्षण अभी भी हिन्दू शिवलिंग है। देवालयों की परिक्रमा करने की प्राचीन हिन्दू परिपाटी अभी भी मक्का में सभी मुस्लिम यात्रियों द्वारा बराबर निभाई जा रही है। यद्यपी यह परिपाटी अन्य किसी भी मस्जिद में चालू नहीं है। अतिवृष्टि को यज्ञ द्वारा कैसे रोका जा सकता है ?

मुस्लिम देशो के नाम संस्कृत के क्यों है ? 

मक्का मदीना सक्खर से लेकर स्वेज तक सब्जी देशों के नाम संस्कृत शब्दावली के ही है। क्षार-युक्त अथवा वीरान प्रदेश का अर्थद्योतक ‘ईरानम्’ शब्द ही ‘ईरान’ का मूल है। ‘उमर खैयाम’ नामक शायर व दार्शनिक का जन्मस्थान  ‘निशापुर’ संस्कृत शब्द है। तुर्केस्तान तुरग-स्थान अर्थात घोड़ो का प्रदेश है। अरेबिया अरब-स्थान का संक्षिप्त रूप है जो स्वयं अर्वस्थान अर्थात ‘घोड़ों के प्रदेश’ का अपभ्रंश रूप है। संस्कृत के ‘व’ अक्षर प्राकृत भाषा में ‘ब’ बोला जाता है, जैसे ‘वचन’ को प्रायः ‘बचन’ ही कहते रहते है। KCC से 2 लाख करोड़ रुपये का मिलेगा लोन 2.5 करोड़ किसानों को

अफगानिस्तान भी संस्कृत शब्द हौ। अफगान लोग इसका सपष्टीकरण उस भूखंड को कहकर देते है जो भारत और मध्य एशिया के बीच संपर्क की कड़ी था।मध्य एशिया स्थित अनेक देशों के जन-शून्य प्रदेशों के खंडहरों में दबे हुए श्रीगणेश, शिवजी, तथा आया हिन्दू-देवताओं के मंदिर अभी भी देखे जा सकते है। ‘अल्लाह’ शब्द का संस्कृत में अर्थ है ‘माता’ या देवी।Chanakya Neeti (चाणक्य नीति श्लोक) भाग-6, 101 से 120

भारतीय संस्कृति का मध्य-पूर्व पर प्रभुत्व कैसे ? 

नारद- स्मृति तथा अन्य अनेक प्राचीन संस्कृत ग्रंथों की पांडुलिपियां लघु एशिया के रेत में से खोदकर निकाली गई है। यह सब इस तथ्य की संकेतक है कि इस्लाम के जन्म से भी हजारों वर्ष पूर्व संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति का मध्य-पूर्व पर प्रभुत्व था। हिन्दू लोगों ने सम्पूर्ण मध्य-एशिया में विशाल मंदिर, देवालय, मठ, राजप्रासाद और भवन बनाएं है। अतः यह कहना ठीक है कि मुस्लिम लोगों ने ही भारत में मेहराबों, गुम्बदों और चूर्ण-प्रस्तर व कंक्रीट का प्रयोग आरम्भ किया। बात बिल्कुल इससे उल्टी है। UP का औद्योगिक विकास विभाग सिर्फ स्वदेशी वस्तु इस्तेमाल करेगा

क्योंकि भारतीय मध्यकालीन इतिहास प्रारम्भ से ही गलत लीक पर चल पड़ा था। इसलिए स्थापत्यकलाज्ञ, इतिहासवेता और भवन -निर्माण के शिल्पज्ञ सदैव से वही धारणा बनाए हुए है कि मध्यकालीन स्मारक मुस्लिम-मूल के ही है। वह विचार व धारणा पिछले 600-800 वर्षों में इतनी पुष्ट हो गयी है कि अब उसको त्याग देने में अनेक पुरतत्वज्ञों को बहुत कठिनाई मालूम पड़ती है।
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इसका कारण यही है कि उन लोगों ने मूल धारणा वह विचार प्रणाली ही गलत रखी। अब उनको वह पुराना पाठ भुलाना चाहिए, और मेहराब, गुम्बद व चूर्ण-प्रस्तर-कंकरीट को भारतीय भवन-निर्माण के वंशानुगत एवं देशीय लक्षणों ग्रहण करना प्रारंभ करना चाहिए। जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि मक्का के हिन्दू मंदिर होने के पुख्ता सबूत है और उपरोक्त बातों से स्पष्ट भी होता है कि यह कोई मुस्लिम मकबरा या इस्लामी पूजा स्थल नही बल्कि हिन्दू मंदिर था। -आलोक नाथ 

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