पूरा हो गया शौक ‘इन दिनों मेरी हर सुबह घर की छत पर बने किचन गार्डन में गुजरती है। सब्जी के पौधों पर कुछ न कुछ नया उगते देख मन को बेहद सुकून मिलता है। प्रकृति के इन उपहारों को देख हर सुबह ईश्वर को धन्यवाद कहती हूं कि मुझे घर की ताजा सब्जियां खाने को मिल रही हैं। इन दिनों सब्जी वालों से कुछ भी लेते हुए डर लगता है, ऐसे में मेरे घर में उगी सब्जियां ही मेरा सहारा हैं।’ कहती हैं लुधियाना में जेसीआई (जेनेसिस) की जोन को-ऑर्डिनेटर जसलीन कौर। वह बताती हैं, ‘बागवानी का शौक शुरू से ही रहा है। इसलिए छत पर आधुनिक रूफटॉप किचन गार्डन बनवाया है। इससे मेरी समस्या का समाधान भी निकला और शौक भी पूरा हुआ है।’ केंद्र की मोदी सरकार ले भूपेश बघेल सरकार से सीख-कांग्रेस
सुरक्षित है अपना भोजन भोपाल के विशाल अय्यर व्यवसायी हैं। वह 13-14 तरह की सब्जियां अपनी छत पर उगाते हैं। वह बताते हैं, ‘पांच साल की उम्र में मेरा बेटा अक्सर बीमार रहता था। मन में यह ख्याल आता था कि शायद सुरक्षित भोजन की कमी है। इसी बीच मेरे दोस्त प्रबुद्ध यादव ने घर पर ही आसान तरीके से सब्जियां उगाने के बारे में जानकारी दी। उनके मार्गदर्शन में छत पर ही बगिया बना ली तो बेटा भी उसमें रुचि लेने लगा। किचन गार्डन बनने के उत्साह मात्र से ही उसकी तबियत सुधरने लगी थी। प्रकृति के नजदीक रहने से उसकी सेहत में बहुत सुधार हुआ। हमारे लिए ये किचन गार्डन केवल ऑर्गेनिक सब्जियों का स्रोत ही नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का भी जरिया है।’ नवजात शिशु की मालिश कौन से तेल से करें ?
बच्चों को जोड़ें प्रकृति से पर्यावरण के सुधार के लिए जरूरी है कि सभी साथ मिलकर प्रयास करें। इसी सोच और दूरदर्शिता को दिखाते हुए जालंधर के मेयर वल्र्ड स्कूल की वाइस चेयरपर्सन नीरजा मेयर ने जैविक कृषि के महत्व पर बल देते हुए स्कूली बच्चों को भी इसकी शिक्षा देने की ठानी। इन्होंने स्कूल की छत पर जैविक सब्जियां उगाना शुरू किया। नीरजा ने न केवल बच्चों को ताजी सब्जियां खाने के लिए प्रेरित किया, बल्कि उन्हें प्रकृति के नजदीक भी लाईं।पीएम ने मंत्रियों संग की बैठक भारतीय खिलौनों का उत्पादन बढ़ाने को लेकर
बना ली आधुनिक बगिया जयपुर के प्रतीक तिवारी एग्रीकल्चर इंजीनियर और लिविंग ग्रींस ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं। वह शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष प्रकार के किचन गार्डन तैयार करते हैं। मार्च 2018 में नई दिल्ली में आयोजित कृषि उन्नति मेले में प्रतीक अपनी इस पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रशंसा भी पा चुके हैं। प्रतीक द्वारा तैयार किए गए आधुनिक रूफटॉप पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम को देखकर प्रधानमंत्री ने इन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाने की इच्छा व्यक्त की थी। इसी के तहत बिहार सरकार ने पांच जिलों में एक हजार तीन सौ घरों की छत पर किचन गार्डन बनाने का काम उन्हें सौंपा था।भारत में युद्ध और शांति के समय अदम्य साहस दिखाने के लिए दिए जाते हैं पदक...
घर पर खेती के दो तरीके इसरो की पूर्व वैज्ञानिक पूर्णिमा सावरगांवकर कहती हैं, ‘छत पर दो तरह से सब्जियां उगाई जा सकती हैं। पहला छत पर मिट्टी डालकर और दूसरा गमले या ग्रो बैग रखकर। यदि छत पर मिट्टी डालकर खेती करनी है तो यह सुनिश्चित कर लें कि छत पर चार से छह परत की वाटर प्रूफिंग अवश्य हो अन्यथा स्टैंड पर गमले रखकर उनमें सब्जियां उगाना अधिक सळ्रक्षित होता है। हां, पौंधों के अनुसार गमलों का आकार अलग-अलग हो सकता है। आप ग्रो बैग्स या क्रेट आदि में भी सब्जियां उगा सकते हैं, जो गमलों के मुकाबले वजन में हल्के होते हैं।’ ऑनलाइन पंजीकरण शुरू Gold Hallmarking केंद्र के लिए, जून से अनिवार्य होगी हॉलमार्किंग
समेट लें अपने हिस्से की धूप छत पर सोलर पैनल लगवाने से सिर्फ ऊर्जा मिल सकती है, सस्टेनेबिलिटी नहीं। सस्टेनेबिलिटी का अर्थ है, चरखे की तरह एक प्रकृति चक्र। पर्यावरण की कोई वस्तु हम इस्तेमाल करते हैं तो वह एक चक्र में वापस प्रकृति को मिले। केवल पौधों के जरिए ही हम ऐसा कर सकते हैं। अगर मेरी छत पर सूर्य की रोशनी आ रही है तो वह मेरे हिस्से की प्रकृति है। मैं इसे सही इस्तेमाल करूं या व्यर्थ जाने दूं, यह मुझ पर निर्भर करता है। मैं अपने छोटे से बगीचे से व्यस्त भी रहती हूं और स्वस्थ भी।’ आर्य निर्मात्री सभा का इतिहास Arya Nirmatri Sabha
पूर्णिमा सरगांवकर, पूर्व वैज्ञानिक, इसरो बूंद बूंद सिंचाई मेरे इस सिस्टम में विभिन्न आकार के ग्रो बैग हैं, जो पूरी तरह लीकप्रूफ हैं। इनमें मिट्टी की जगह कोकोपीट तथा जैविक खाद का मिश्रण इस्तेमाल होता है ताकि छत पर वजन न पड़े। ड्रिप इरिगेशन पद्धति यानी बूंद-बूंद पानी से इसमें सिंचाई की जाती है, जिससे 75 प्रतिशत पानी की बचत होती है। इससे मकान का तापमान करीब सात डिग्री कम हो जाता है। ऑर्गेनिक सब्जियों के लिए आधुनिक बायो स्प्रे भी तैयार किए हैं, जो रसायनमुक्त हैं और उनके सुरक्षित छिड़काव से सब्जियां हर प्रकार की बीमारी व कीटों से बची रहती हैं।’(प्रतीक तिवारी, एग्रीकल्चर इंजीनियर व लिविंग ग्रींस कंपनी के संस्थापक हैं) आर्थिक वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा के लिए योजनाओं को ढंग से अमल में लाना जरूरी -Sabhar Alok
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